बहराइच 25 जनवरी 2022 रू प्रसव के तुरंत बाद लगने वाले कॉपर टी को पीपीआईयूसीडी कहते हैं। परिवार नियोजन का यह एक ऐसा नायाब तरीका है जिसमें बार-बार की कोई झंझट नहीं। बस जब बच्चे की आवश्यकता हो तो आसानी से निकलवाया जा सकता है। मां बच्चे की सेहत से जुड़ी इस सेवा को देने में अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की। यही कारण है कि जिले की 14844 महिलाओं को पीपीआईयूसीडी की सेवा देकर जनपद ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त का लिया है। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बधाई दी है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ योगिता जैन ने बताया कि कार्यक्रम के तहत दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए अस्थायी गर्भ निरोधक साधन स्वास्थ्य विभाग की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इनमें से एक पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपी आईयूसीडी) है। यह प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगायी जाती है। यह दो प्रकार की होती है एक पाँच साल के लिए दूसरी 10 साल के लिए। दूसरे बच्चे का विचार बनने पर महिलाएं इसे आसानी से निकलवा भी सकती हैं। अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक मुक्ति चाहने वाली महिलाओं ने कोरोना काल में इसे सबसे अधिक पसंद किया। हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम की ओर से जारी अप्रैल से दिसंबर की रिपोर्ट के अनुसार बहराइच जिले में 14844 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया । वहीं 14385 महिलाओं की ओर से पीपीआईयूसीडी अपनाएं जाने से लखीमपुर जिला दूसरे नंबर पर है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि पीपीआईयूसीडी ऐसे समय लगाया जाता है जब महिला अस्पताल में होती है और सभी साधन मौके पर उपलब्ध होते हैं। इसके लिए न तो अलग से समय निकालना पड़ता है न ही अनावश्यक भाग दौड़ करनी पड़ती है। इसके अलावा घर वापसी के समय महिला को एक बेहतर परिवार नियोजन का साधन मिल जाता है जिससे वह अनचाहे गर्भ से चिंता मुक्त अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकती है। श्री सिंह ने बताया कि यदि जनपद में पीपीआईयूसीडी के ऑकड़ों पर यदि वर्षवार दृष्टि डाली जायी तो वर्ष 2018-19 में 4781, 2019-20 में 4838, 2020-21 में 14130 के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में माह दिसम्बर तक 14844 महिलाओं द्वारा पीपीआईयूसीडी को अपनाया गया है।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ यूपी टीएसयू ने बताया कि पीपीआईयूसीडी सेवाओं के विस्तार के लिए जनपद स्तरीय बैठकों में समीक्षा की गयी। उप स्वास्थ्य केंद्र सहित 13 नवीन स्वास्थ्य इकाइयों पर पीपीआईयूसीडी की सेवा का विस्तार किया गया । जिसकी वजह से वर्तमान में 25 स्वास्थ्य इकाइयों पर सुविधा मिलने लगी। इसके अलावा ईच वन टीच वन ट्रेनिंग के माध्यम से अप्रशिक्षित सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही ब्लॉकों के मध्य उपलब्धि को लेकर प्रतिस्पर्धा करायी गयी तथा श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सेवा प्रदाता को पुरस्कृत किया गया। लंबित भुगतान के साथ सभी सेवा प्रदाताओं का माह आधारित भुगतान सुनिश्चित कराया गया। उन्होने बताया ब्लॉक स्तरीय डेली डेटा डैश बोर्ड शीट ग्रुप पर साझा की गयी जिससे लोगों को अपने ब्लॉक की प्रगति आकलन करने में मदद मिली और उन्होने सेवा बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
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