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Thursday, April 24, 2025 10:11:57 AM

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तर्क और कानून किसानों के साथ, एसईसीएल को रोजगार देना ही होगा : बादल सरोज

तर्क और कानून किसानों के साथ, एसईसीएल को रोजगार देना ही होगा : बादल सरोज
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

कुसमुंडा (कोरबा)। कुसमुंडा में चल रहे भू विस्थापितों ने 110 दिनों का धरना देकर आंदोलन की सेंचुरी बना ली है। आप एकता बना कर इसी तरह डटे रहे, तो यही एसईसीएल धरना स्थल आकर सभी किसानों को अर्जन के समय की पुनर्वास नीति के हिसाब से पंडाल में आकर सभी को ज्वाइनिंग लेटर देने को मजबूर होगा। जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले पैसा और ठेका नहीं, स्थाई रोजगार देना होगा, छोटे-बड़े सभी खातेदार को नौकरी देना होगा।

उक्त बातें अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव और संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े बादल सरोज ने एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यमहाप्रबंधक कार्यालय के सामने रोजगार एकता संघ के बेनर तले भूविस्थापित किसानों के चल रहे धरने को संबोधित करते हुए कही। वे छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करने के लिए कोरबा आये हुए थे। शिविर के बाद वे भू विस्थापित किसानों के आंदोलन स्थल भी पहुंचे और किसान आंदोलन की ओर से उनके साथ एकजुटता प्रकट की।

उन्होंने कहा कि भूविस्थापितों की एकता को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन प्रबंधन के दलालों के झांसे में मत आईये और अपनी एकता को दूसरे गांवों के लोगों के साथ मिलकर और मजबूत कीजिये। संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। दिल्ली में चले किसान आंदोलन की तरह डटे रहिये, संघर्ष करने वालों की ही जीत होती है। संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान सभा भी आपके साथ है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने सभा को संबोधित करते विस्थापन के खिलाफ और रोजगार के लिए संघर्ष को इस देश में चल रहे व्यापक राजनैतिक संघर्ष का एक हिस्सा बताया तथा कहा कि देश में आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजनाओं के नाम पर करोडों लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए आज भी वे भटक रहे हैं। सरकार की कॉरपोरेटपरस्त नीतियां गरीबों की आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों को उनसे छीन रही है। यही कारण है कि कुछ लोग मालामाल हो रहे हैं और अधिकांश जिंदा रहने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन सरकारों की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को बदलकर ही इसे जीता जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि 31अक्टूबर को लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा क्षेत्र में 12 घंटे खदान जाम करने के बाद एसईसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दस से ज्यादा गांवों के किसान अनिश्चित कालीन धरना पर बैठ गए हैं। इस आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ किसान सभा शुरू से ही उनके साथ खड़ी है।

सभा को किसान सभा के प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम, दामोदर, जय कौशिक आदि ने भी संबोधित किया। सभा स्थल पर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के पुतले को भी जलाया गया। धरना प्रदर्शन में रघु, हेमन, बृजमोहन, अशोक मिश्रा, चंद्रशेखर, कृष्ण, अनिल बिंझवार, संजय, पुरषोत्तम, सोहरिक, रेशम यादव के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसान उपस्थित थे।

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