रुपईडीहा बहराइच। भारत– नेपाल सीमावर्ती रुपईडीहा थाना क्षेत्र में काफी समय से स्क्रैप,गत्ता,विभिन्न प्रकार की बोतल, पुराने चाइनीज़ टायर आदि विभिन्न प्रकार सामानों की तस्करीं बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। ठेलियों व साइकिलों पर इन बड़े बड़े बंडलों को लाद कर नेपाल से लाया जा रहा है। इसमें चरस है व अफीम है किसी को पता नहीं है।
तस्करीं रोकने के लिए भारत नेपाल सीमा क्षेत्र पर जगह जगह सशस्त्र सीमा बल की चौकियों स्थापित हैं और पुलिस की क्षेत्र में गश्त करती रहती है। फिर भी यह सामान नेपाल से तस्करी पर तस्करों द्वारा भारतीय क्षेत्र में खुलेआम लाकर कई स्थानों पर इकट्ठा किया जाता है, और गाड़ियों पर लदवाकर बिना जांच किए ही भारत के विभिन्न जिलों व महानगरो में भेजा जा रहा है। इस संबंध में जानकार सूत्र बताते हैं कि नेपाल के बांके जिला नेपालगंज क्षेत्र के नेपाली गांव पचपकरा के कुछ नामी गिरामी तस्करों द्वारा रुपईडीहा थाना पुलिस को लाखो रुपये महीना लाइन देकर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
इन सामानों को नेपाल के विभिन्न जिलों से लाकर बांके जिले के नेपालगंज क्षेत्र के भारत नेपाल सीमा से सटे नेपाली गांव पचपकरा में पहले सभी सामानों को डम्प कर लिया जाता है फिर भारतीय क्षेत्र के पचपकरी गांव के रास्ते एसएसबी के कुछ जवानों के रहमों करम से स्क्रैप, गत्ता, विभिन्न प्रकार की बोतलें, पुराने चाइनीज़ टायर, आदि विभिन्न प्रकार से सामानों को तीन पहिया ठेलियों व साइकिलों पर लादकर रुपईडीहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पचपकरी गांव के चकिया रोड के मेनरोड पर स्थित भगतपुरवा, खूबा कुंआ, पोखरा गांव, रंजीतबोझा आदि स्थानों पर लाकर डम्प कर देते हैं।
इस सामानों को नेपाल से लाने के लिए ठेलियां व साइकिल से पूरी रात इन सामानों को ढोने का कार्य करती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अगर पुलिस की लाइन न होती तो इतने बड़े पैमाने पर इन सामानों की नेपाल से तस्करी न हो पाती। इन सामानों को सुबह खुलेआम पिकअप मेटाडोर आदि साधनों को चकिया मेन रोड पर खड़ी करके प्रतिदिन दो से तीन गाड़ियां लादकर रुपईडीहा होते हुए मुरादाबाद, गाज़ियाबाद विभिन्न महानगरो व शहरों को भेजा रहा जा रहा है। इस संबंध में जब मैटाडोर पर सामान लाद रहे लोगों से पूछा गया तो इस लोगों ने बताया कि यह पूरा सामान नेपाल से तस्करों के माध्यम से ठेलियों व साइकिलों पर दर्जनों की संख्या में मजदूर लादकर भारत के पचपकरी गांव के विभिन्न मार्गों से होते हुए बिना रोक टोक के चकिया रोड तक पहुंचा रहे हैं। इस कार्य में नेपाली गांव पचपकरा के जाबिर नामक तस्कर व नेपालगंज के कुछ नामी गिरामी तस्करों द्वारा इस कार्य को किया जा रहा है।
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