बहराइच 23 अप्रैल। उ.प्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाईज़री में बताया गया है कि हाल के वर्षों में वज्रपात एक अत्यन्त खतरनाक और प्रायः घटित होने वाली आपदाओं में से एक है। वज्रपात पृथ्वी पर सबसे पुरानी देखी गई प्राकृतिक घटनाओं में से एक है परन्तु आम जन-मानस के मध्य इसके प्रति जागरूकता का काफी अभाव है, जिसके कारण प्रदेश में बड़ी संख्या में जनहानियॉ हो रही हैं। प्रदेश में ऑधी-पानी के साथ वज्रपात गिरने की काफी घटनाएं हो रही हैं। इसलिए हमें वज्रपात से बचने के लिए सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
वज्रपात से बचाव एवं सुरक्षा के मद्देनज़र लोगों को सलाह दी गयी है कि आसमान में बिजली के चमकने, गरजने एवं कड़कने के समय यदि आप खुले में हो तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें, सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहे। खिड़कियों, दरवाज़े, बरामदे एवं छत से दूर रहें। ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूर रहें। बिजली के उपकरणों या तार के साथ सम्पर्क से बचे बिजली के उपकरणों को बिजली के सम्पर्क से हटा दें। तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाये रखे। समूह में न खड़े हों, बल्कि अलग-अलग खड़े रहें। यदि आप जंगल में हांे तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें। बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाढ़, मशीन आदि से दूर रहें। धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें। आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था करें। स्थानीय रेडियों व अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
यदि आप खेत खलिहान में काम रहे हों और किसी सुरक्षित स्ािान की शरण न ले पायें हो तो जहॉ हैं वहीं रहंे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों से कानों को बंद कर अपने सिर को ज़मीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटाएं। जमीन पर कदापि न लेटें। ऊंचे इमारत वाले क्षेत्रों, बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं लें, क्योंकि ऊंचेे वृक्ष, ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें। यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुए।
वज्रपात के मामले में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात है। अगर जरूरी हो तो ‘‘संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा’’ प्रारम्भ कर दी जाय। ‘‘संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा’’ देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो तथा पीड़ित की नाड़ी एवं श्वास चल रही हो।
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