रुपईडीहा बहराइच। स्थानीय कस्बे में स्थित केवलपुर पंचायत भवन में रविवार को ग्राम प्रधान केवलपुर हाजी अब्दुल कलीम की अध्यक्षता में पंचायती राज दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रधान हाजी अब्दुल कलीम के पंचायती राज दिवस के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत मूल रूप से गांव में बसता है, गांव की प्रगति के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता, और न ही पंचायतीं राज के बिना गांव प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारत एक बहुत ही विस्तृत देश है और इसे विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है,कई प्रदेशों में जनसंख्या और क्षेत्रफल अधिक होने के कारण प्रदेश के सबसे ऊंचे पर बैठा व्यक्ति ग्रामीण इलाकों के लोगों की समस्याओं से अवगत नहीं हो पाता था, इसलिए यह तय किया गया कि देश में लोकतंत्र की जड़ों को पेड़ की जांघों की तरह फैलाया जाये। इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी शिफारस में राज तांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे पंचायत राज कहा गया है। उन्होंने कहा कि
भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया था। इस लिए भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिवस को मनाने का कारण 73 वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 है जो 24 अप्रैल 1993 में से लागू हुआ था राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (एनपीआरडी) 2010, 24 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ग्राम पंचायत केवलपुर के सचिव जनार्दन विश्वकर्मा, ग्राम सदस्य शेर सिंह कसौधन, इसरार अहमद, हाफिज फिरोज, विशेश्वर प्रसाद, कुतुबुद्दीन, महिपाल, धनंजय मिश्रा, मोल्हे राम, निर्मला देवी, सुमन देवी, जमीर अहमद आदि लोग मौजूद रहे।
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