भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में मुख्यमंत्री का आदेश हुआ हवा हवाई
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमा पर अवैध रूप से चल रही डग्गामार डबल डेकर बसों, बसों एवं मिनी बसों के बढ़ते वर्चस्व के चलते रोडवेज बसों को प्रतिदिन लाखों रुपयों का चूना लग रहा है।
लेकिन इन अवैध डग्गामार बसों आदि डग्गामार वाहनों के संचालक को रोकने के लिए संबंधित जिम्मेदार अफसर इन अवैध डग्गामार बसों व मिनी बसों तथा आदि डग्गामार वाहनों का संचालन बंद कराने के बजाय करोड़ों रुपये की सालाना अवैध वसूली में मशगूल है। मुख्यमंत्री का डग्गामार वाहनों को हटवाने का आदेश जारी किया था। इसका असर इस सीमावर्ती क्षेत्र में अभी तक लागू नहीं हुआ। अभी भी डग्गामार वाहन चल रहे हैं। इन अवैध बसों के बढ़ते संचालन से जहां परिवहन परिवहन निगम के अधिकारी व कर्मचारी इन डग्गामार बसों, मिनी बसों आदि अवैध गाड़ियां के संबंध में स्थानीय पुलिस व संबंधित अधिकारियों को कई बार प्रार्थना पत्र भी दे चुके हैं। परन्तु खाऊं कमाऊ नीत के चलते आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं अवैध वसूली का शिकार हो रहे प्राइवेट वाहन स्वामी निर्धारित संख्या से अधिक सवारी बसों में ठूंसकर भरके अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं। इससे बसों में यात्रा के दौरान सवारियों को काफी जलालत झेलनी पड़ती है। लेकिन स्वामियों की बढ़ रही मुसीबतों को खत्म करने का बीड़ा अभी तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने नहीं उठाया है जिससे यात्रा के दौरान तमाम जलालत झेल रही सवारियां अब सूबे की भाजपा सरकार को कोसने लगी है। बताया जाता है कि जिन प्रमुख मार्गो पर रोडवेज बसों के संचालन की अनुमति प्रदेश सरकार ने दी है। उन रूट पर सरकार ने प्राइवेट वाहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
लेकिन भारत नेपाल सीमा क्षेत्र से सटे रुपईडीहा कस्बे में काफी दिनों से कई स्थानों पर अस्थाई बस स्टैंड बना यह डग्गामार वाहन दिल्ली, हरिद्वार शिमला मुम्बई, पंजाब, महाराष्ट्र के कई महानगरों, हरियाणा, आदि महानगरों के लिए चलवाई जा रही है। नेपाली यात्रियों को डग्गामार बसों में जबरदस्ती बैठाने के लिए यह डग्गामार बस संचालकों द्वारा प्रतिदिन हजारों रुपये खर्च करके भारी संख्या में नेपाली भाषा बोलने वाले दलालों को थाना के सामने से लेकर कस्टम बैरियर तक जगह जगह तक लगा रखा है। इन नेपाली यात्रियों को रोडवेज बस स्टेशन पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही रोक कर इन डग्गामार बसों व मिनी बसों आदि वाहनों पर बैठा दिया जाता है। इन दलालों में बैट्री रिक्शा,पैडिल रिक्शा व तांगा चालक भी शामिल है। इन मार्गों पर रोडवेज बसों के संचालन के अनुमति के बाद पुलिस, एआरटीओ, यातायात के जिम्मेदारों के लूट घसोट के चलते इस प्रतिबंधित रूट पर भी कई दर्जन से अधिक डग्गामार डबल डेकर बस,बस, मिनी बसें आदि डग्गामार वाहन चल रहे है। अंधेर गर्दी की हद तो तब पार हो गई जबकि यह सब खेल अधिकारियों की आंखों के सामने से देखने के बाद भी अवैध रुपयों के लालच में इन अधिकारियों ने अपने ईमान को भेज दिया है। यही कारण है कि इन अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता भुगत रही है। सूत्रों की माने तो इन प्राइवेट वाहनों से थाना चौकी यातायात पुलिस एआरटीओ को हर वाहन से एक मोटी रकम माहवारी के रूप में बंधी हुई है। वही यही वजह है कि यह डग्गामार वाहन दिन रात इस रूट पर बिना रोक-टोक के दौड़ रहे हैं। गौरतलब है कि यदि इन डग्गामार बसों के अवैध वसूली को ही देखा जाए तो इस मार्ग पर संबंधित अधिकारियों को लाखों रुपए से ज्यादा की रकम हर माह इन सबके बीच बंदरबांट हो रहा है।
लेकिन वही सरकार के परिवहन विभाग को लाखों रुपए का चूना हर माह लग रहा है। कई बार यह डग्गामार बसे मार्ग दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं जिनमें कई यात्रियों की मौत हो चुकी है।
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