बहराइच 27 मई। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति 01 जुलाई से 31 अगस्त 2022 तक न तो प्रजननशील मछलियों को न तो पकड़ेगा, न ही मारेगा और न ही बेचेगा, जब तक कि उसके पास मत्स्य विभाग द्वारा निर्गत वैध लाइसेंस न हो। इसके साथ 15 जुलाई से 30 सितम्बर 2022 तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की मछली न तो पकड़ी जायेगी और नही बेची जायेगी। उल्लेखनीय है कि वर्षा ऋतु में भारतीय मेजर कार्प मछलियां कतला, रोहू, नैना एवं कारौच तथा विदेशी कार्प ग्रासकार्प, सिल्वर कार्प व कामन कार्प प्रजनन काल को देखते हुए इन मछलियों के सम्वर्धन एवं संरक्षण हेतु उ.प्र. मत्स्य अधिनियम 1948 के प्राविधानों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना अपरिहार्य हो गया है।
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश उन सभी जलाशयों, नदियों की समस्त जल धाराओं पर प्रभावी होगा जो जनपद बहराइच की सीमा में है, और जिला मजिस्ट्रेट बहराइच द्वारा यथाविध व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किए गये है। मछलियों के सम्वर्धन एवं संरक्षण हेतु कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा और न ही निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने हेतु कोई अवरोध नही लगायेगा, और न ही ऐसा करके मत्स्य जीरा अंगुलिका और मछली पकडेगा अथवा नष्ट करेंगा और न ही पकड़ने अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा। आदेशों के उल्लंघन में लगाये गये अवरोधक सामग्रियों, पकड़े गये मत्स्य जीरा एवं मछली ज़ब्त कर ली जायेगी तथा यह कृत्य उ.प्र. मत्स्य अधिनियम 1948 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
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