Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Friday, February 7, 2025 6:03:33 PM

वीडियो देखें

सामायिक से समता का विकास: साध्वी सूरज प्रभा

सामायिक से समता का विकास: साध्वी सूरज प्रभा
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

रिपोर्ट : पप्पू लाल कीर

आज की आज दिनांक 26/8/2022 को अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन मे जोरावरपुरा तेरापंथ भवन मे साध्वी श्री सूरज प्रभा जी के सान्निध्य मे जोरावरपुरा तेरापंथ युवक परिषद् के अन्तर्गत पर्युषण महापर्व का तीसरा दिवस अभिनव सामायिक के रूप मे मनाया गया। साध्वी नैतिक प्रभा जी ने बताया की सामायिक क्यों,कब और कैसे करनी चाहिए। सामायिक से समता का विकास कैसे होता हो । सामायिक विभाव से स्वभाव मे संबर और सोधन की प्रक्रिया है। सामायिक भीतर से भीतर रहने की प्रक्रिया है। सामायिक समता के विकास का एक सक्षम माध्यम है। जिस प्रकार व्यक्ति एक पैर से चलने, एक आँख से देखने मे असक्षम होता है। ठीक प्रकार व्यक्ति केवल पापकारी प्रवृतियों को करने से व्यक्ति असूक्षम होता है। हमे सामायिक करते समय सभी पापकारी प्रवृतियों की छोड़कर समता का विकास करना चाहिए। जब हम हमारे अंदर के ममत्व भाव का परिष्कार नही करेंगे तो हमारे अंदर समता का विकास नही होगा। सामायिक भी हमारे लिए श्रृंगार है । साध्वी श्री डा. लावण्ययशा जी ने सामायिक की महता को समझाते हुए कहा कि हमारी सामायिक की वेशभूषा- आसन, मुखवस्त्रिका , पूजनी, आदि सभी का हमे ध्यान रखना चाहिए । साध्वी श्री जी ने स्वामी विवेकानंद, विजयसिंह जी पटवा, पूर्णिया श्रावक की सामायिक आदि विभिन्न उदारहणो के माध्यम से सुखी भावक समाज को समझाया की यदि आप करोड़ो पैसो का दान करेंगे तब भी एक शुद्ध सामायिक की तुलना कुछ नहीं है । 48 मिनट की एक सामायिक करने से व्यक्ति 84 लाख जीव योनी को अभय दान दे देता है। सामायिक करते समय हमारे अंदर शत्रुता का भाव नहीं आना चाहिए। सावर प्रवृतियो का परित्याग, साफ, सरल, विवेकपूर्ण होना सामायिक है। ज्ञान, दर्शन चारित्र, तक ही तपकारी आत्मा ही साक्षात है।सामायिक में समता का विकास करने के लिए व्यक्ति को अपने 32 दोषो को टालना होगा। साध्वी श्री सुराज प्रभा जी द्वारा चर्तुदशी पर हाजरी का वाचन किया। साध्वी विधि प्रभा जी ने सामायिक दिवस पर एक गीतीका के माध्यम से भावो की अभिव्यकति दी। पर्युषण महापर्व पर अखण्ड जप जोरावरपुरा तेरापंथ भवन मे सुचारू रूप से किया जा रहा है। अभिनव सामायिक के इस कार्यक्रम में भाई बहनो की उपस्थिति सराहनीय रही l

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *