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Saturday, May 10, 2025 12:53:08 AM

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गेवरा-दीपका के भू विस्थापितों ने ली किसान सभा की सदस्यता, प्रशांत झा ने कहा : भूविस्थापितों को रोजगार बिना कोयले का व्यापार मंजूर नहीं

गेवरा-दीपका के भू विस्थापितों ने ली किसान सभा की सदस्यता, प्रशांत झा ने कहा : भूविस्थापितों को रोजगार बिना कोयले का व्यापार मंजूर नहीं
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

 

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा एसईसीएल के क्षेत्र में भूविस्थापितों की मांगों पर लगातार चलाए जा रहे संघर्षों से प्रभावित होकर गेवरा-दीपका के खनन प्रभावित भूविस्थापितों ने बड़ी संख्या में किसान सभा की सदस्यता ग्रहण की। सदस्यता ग्रहण करने वालों में प्रमुख रूप से बेलटिकरी और ढुरैना के पूर्व सरपंच बहतरीन बाई तथा सुभद्रा कंवर के साथ बीर सिंह कंवर, प्रमोद पैकरा, दिलराम सिंह, राजेश कंवर, गोपाल सिंह, नरेंद्र प्रसाद राठौर, यशवंत सिंह, संजय कंवर, राजकमल, राहुल जायसवाल, शिवपाल सिंह, विजय प्रताप, ज्ञान सिंह, ठाकुर विकास सिंह आदि शामिल है। इस अवसर पर किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा, दीपक साहू, कटघोरा ब्लॉक अध्यक्ष जय कौशिक भी उपस्थित थे।

 

बैठक में किसान सभा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा ने किसान सभा के उद्देश्यों की जानकारी दी और कहा कि किसानों को तबाह करके और भूविस्थापितों को रोजगार से वंचित करके एसईसीएल द्वारा इस क्षेत्र में कोयले का व्यापार करना किसान सभा को मंजूर नहीं है। एसईसीएल की ऐसी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किसान सभा संघर्ष कर रही है और आज हर भूविस्थापित एसईसीएल प्रबंधन से पूछ रहा है कि : मेरा रोजगार कहां है? किसान सभा नेता ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन को यदि अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करना है, तो सभी खातेदारों को उनकी भूमि अधिग्रहण के एवज में नियमित रोजगार देना होगा। उन्होंने बताया कि किसान सभा के जुझारू संघर्षों के कारण ही भूविस्थापितों के पुराने लंबित प्रकरणों पर रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू हुई है।

 

बैठक में निर्णय लिया गया कि गेवरा-दीपका क्षेत्र के मलगांव, बेलटिकरी, झाबर, खुसरूडीह, घाटमुड़ा, बरेली, बिंझरा, ढुरैना, कोसमंदा, भठोरा और जुनाडीह आदि गांवों में किसान सभा की इकाइयों का शीघ्र गठन कर खदान बंद आंदोलन किया जाएगा। पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण कर प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने के साथ ही नए नामांकन जमा करने और नए अर्जन में भी सभी छोटे-बड़े खातेदारों को रोजगार देने की मांग प्रमुखता से उठाई जाएगी।

 

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