बहराइच 16 दिसम्बर। शीतलहर व ठंड से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, बहराइच द्वारा क्या करें और क्या न करें के सम्बन्ध में एडवाईज़री जारी की गयी है। अपर जिलाधिकारी मनोज की ओर से जारी सुझावों में बताया गया है कि स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़ें, रेडियो सुनें एवं टीवी देखें ताकि यह पता चल सके कि शीत लहर आने वाली है। घर के अंदर रहें और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए यात्रा को कम से कम करें। अपने आप को सूखा रखें, ढीले-ढाले ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनें, अपने सिर, हाथ व पैर की उंगलियों व गर्दन को पर्याप्त रूप से ढकें।
स्वस्थ भोजन खाएं, पर्याप्त प्रतिरक्षा और शरीर के तापमान के संतुलन को बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिएं, क्योंकि यह ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी को बनाए रखेगा। सर्दियों के कपड़ों का पर्याप्त स्टॉक रखें, कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती हैं। आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें फ्लू या नाक बहने जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जो आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण शुरू हो जाती है ऐसे लक्षणों के लिए तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। एडवाईज़री के अनुसार बुजुर्ग व बच्चों की विशेष देखभाल करें और अकेले रहने वाले पड़ोसियों की भी जांच करें। गर्मी पैदा करने के लिए कोयले को घर के अंदर न जलाएं बंद स्थान खतरनाक हो सकते हैं। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा कर सकता है जो बहुत जहरीला होता है और कमरे में लोगों को मार सकता है।
शीत लहर के संपर्क में आने पर हाथ की अंगुलियों व पैर की उंगलियों का सुन्न होना, कान की लोब और नाक की नोक पर सफेद या पीला दिखना आदि शीतदंश के लक्षण है। शीतदंश, हाइपोथर्मिया से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण जैसे शरीर के तापमान में कमी जिसके कारण कंपकंपी, बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों में अकड़न, भारी सांस लेना, कमजोरी व चेतना आदि का नुकसान हो सकता है। हाइपोथर्मिया की स्थिति में तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। जिसमें विभिन्न बीमारियों जैसे बहती/भरी हुई नाक लक्षणों के लिए तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें, व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और कपड़े बदलें, व्यक्ति के शरीर को कंबल, कपड़े, तौलिये या चादर की सूखी परतों से गर्म करें। शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद के लिए गर्म पेय दें। परन्तु मादक पेय से परहेज़ करें क्योकि यह खतरनाक होता है।
शीत लहर व पाला के मौसम के दृष्टिगत पशुपालकों को सुझाव दिया गया है कि पशुओं के भरण-पोषण के लिए चारे भूसे का पर्याप्त भण्डारण करें, क्यांेकि ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ जाने से ठंड में पशुओं को अधिक भोजन की चाहिए होता है। ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचने के लिए रात में पशुओं के आवास को चारों ओर से ढक दें। ठंडे मौसम में पशुधन और पोल्ट्री को कवर कर उन्हें अंदर सुरक्षित रखें तथा पशुओं को आहार खिलाने के तरीके में सुधार करें। उच्च गुणवत्ता वाले चारे या चरागाहों का उपयोग करें व ठंडे मौसम में पशुओं के खाने व चबाने के व्यवहार पर ध्यान देते रहें। सर्दियों में स्मार्ट शेड का निर्माण करना चाहिए जो अधिकतम धूप की अनुमति देते हैं। सर्दियों के दौरान जानवरों के नीचे कुछ बिस्तर अवश्य लगाएं। इसके लिए सुखे पुआल को उपयोग में लाए। पशुपालकों को सुझाव दिया गया है कि शीत लहर के दौरान जानवरों को बांध कर रखें और उन्हें खुले में न छोड़ें।
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