रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती रुपईडीहा कस्बे के इस तराई क्षेत्र में मौसम का मिजाज बुधवार को अचानक बदल गया। कोहरे में सीमावर्ती रुपईडीहा क्षेत्र भोर से ही लिपटी दिखी। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। इस सीमावर्ती क्षेत्र में अभी तक अलाव नहीं जलाये गये है। इस क्षेत्र के लोगों ने आज सुबह कड़ाके की ठंड महसूस किया। आज सुबह मौसम बदलने के चलते सुबह स्कूल जाने वाले नन्हे मुन्ने बच्चे व मजदूरी पेशा वर्ग के लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बुधवार भोर में जब लोग बिस्तर से उठे तो घना कोहरा छाया हुआ था। बदली का भी एहसास हो रहा था। लग रहा था कि पूरे दिन धूप नहीं निकलेगी। हालांकि 10 बजे के आसपास धूप निकल आई।तब लोगों ने राहत की सांस ली। इसके पूर्व नन्हे मुन्ने बच्चे और मज़दूरी पेशा वर्ग के लोग कांपते हुए घर से निकलने को मजबूर रहे। पछुआ हवा के कारण आज हल्की धूप रही। रुपईडीहा कस्बे के इस सीमावर्ती में अभी तक प्रशासन की ओर से अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है न ही रैन बसेरा का ही इन्तेज़ाम है। जिससे आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूर पेशा के लोगों को ठंड से बेहाल हो रहे हैं। आज सुबह लोगों ने बताया कि कस्बे में प्रशासन ने अभी तक अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं किया है जिससे मज़दूर पेशा व राहगीरों को सड़क किनारे पोलोथीन की थैली व कागज़ जलाकर आग तापते नजर आये।
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