बहराइच 13 फरवरी। गंगा व उसकी सहायक नदियों सरयू, घाघरा, राप्ती इत्यदि के संरक्षण एवं प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचाये जाने, पावन सरयू नदी के घाटों के पुनरूद्धार इत्यादि के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला गंगा संरक्षण एवं पर्यावरण समिति बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने निर्देश दिया कि प्रदूषण से नदियों व पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे मे आम जनमानस को जागरूक किया जाय। साथ ही नदियों, घाटों का पुररूद्वार भी कराया जाय। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आम जनमानस को इस बात के लिए जागरूक किया जाय कि धार्मिक व सामाजिक आयोजनों तथा अन्य अवसरों पर नदियों व जलाशयों की पवित्रता व स्वच्छता को बनाये रखे। तथा प्राकृतिक जल स्त्रातो, नदियों इत्यादि में अजैविक कचरा न डाले।
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाये जाय और उसका संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि कार्यालय परिसरों के रिक्त स्थानों पर औषधीय गुणों वाले पौधे लगाये। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि आगामी वृक्षारोपण सत्र के लिए सभी विभाग गतवर्ष निर्धारित किये गये लक्ष्य में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर स्थल, इत्यादि का चयन करते हुए तैयारी पूर्ण कर लें ताकि वृक्षारोपण सत्र के दौरान निर्धारित लक्ष्य की रोपाई की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि गतवर्ष कराये गये वृक्षारोपण के सत्यापन के लिए अन्तर विभागीय सत्यापन के निर्देश दिये गये थे। सम्बन्धित अधिकारी एक सप्ताह में सत्यापन आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। डीएम ने सचेत किया कि एक सप्ताह में सत्यापन आख्या उपलब्ध न कराने वाले अधिकारियों का वेतन बाधित करने की कार्यवाही की जायेगी। बैठक का संचालन प्रभारी वनाधिकारी संजय शर्मा ने किया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एस.के. सिंह, उप जिलाधिकारी कैसरगंज महेश कुमार कैथल, पयागपुर दिनेश कुमार, पीडीडीआरडीएम पी.एन. यादव, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, एआरटीओ प्रशासन राजीव कुमार, प्रवर्तन ओ.पी. सिंह, डीएचओ पारसनाथ, अधि.अभि. विद्युत आर.एस. यादव व अन्य अधिकारी, समिति के सदस्य मंजू बाल्मीकि, उत्कर्ष श्रीवास्तव व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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