दिनांक 26 अप्रैल, प्रज्ञा विहार के भवन में मुख्य अतिथि रूप ABTMM अध्यक्षा श्रीमती सरिता जी डागा, महामंत्री नीतू जी ओस्तवाल, उपाध्यक्ष श्रीमती विजय लक्ष्मी भूरा, मेवाड प्रभारी श्रीमती उषा जी सिसोदिया, विशिष्ट अतिथि राजसमंद विधायक श्रीमती दीप्ति जी माहेश्वरी,
आयुक्त श्रीमान बृजेश राय जी ने पधार कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम को दो चरणों में आयोजित किया गया।
प्रथम चरण में आगन्तुक अतिथि गण का कन्या मण्डल कांकरोली की एक सुंदर प्रस्तुति द्वारा स्वागत किया गया।
कन्या सुरक्षा तहत् छह बेंचो का अनावरण ABTMM की टीम द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में साध्वी श्री के नमस्कार महामंत्र उच्चारण से कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। मण्डल की बहनों ने स्वागत गीत से मंगलाचरण किया । कांकरोली मंडल अध्यक्षा उषा जी कोठारी ने शब्दों से स्वागत अभिनंदन किया । तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री लाभचंद जी बोहरा ने भी अतिथि गण का स्वागत सम्मान किया । संरक्षणम् विषयक एक्शन सोन्ग की प्रस्तुति मंडल की बहनों द्वारा की गई। सुंदर लघु नाटिका के माध्यम से मण्डल की बहनों ने संरक्षणम् का आह्वान भी किया ।
मेवाड़ स्तरीय इस कार्यशाला में साध्वी श्री रचनाश्री जी ने सभी बहनों को सम्बोधित करते हुए फरमाया की अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल ने आज जिस ऊंचाई को प्राप्त किया है, उसका श्रेय गणाधिपति आचार्य श्री तुलसी को जाता है। आचार्य तुलसी ने महिला को संगठनात्मक रूप दे दिया।मण्डल कि चारों योजना में से तुलसी शिक्षा परियोजना का विशेष उल्लेख किया और बताया की इस संरक्षणम् कार्यशाला का मुख्य बिंदु है सम्यक्त्व। सम्यक्त्व हमारी नींव है, हमारी मूल है।
सम्यक्त्व क्या है? सम्यक्त्व हमारा आरक्षण टिकट है। देव-गुरु, धर्म के प्रति दृढ़ आस्था है। इस टिकट की रक्षा करने के लिए इसके लक्षणों को समझना होगा। सम्यक्त्व एक रत्न है। इसकी जागरूकता से रक्षा करनी चाहिए, नहीं तो इसे चुराने के लिए 5 दूषण तैयार खड़े हैं। इससे सावधान रहें। सह साध्वी वृंद नें भी अपने विचार और सुंदर जागरुकता पूर्ण संरक्षणम् गीत प्रस्तुत किया |
श्रीमती सरिता जी डागा ने अपने विचार प्रकट करते हुए संरक्षणम् शब्द की शाब्दिक व्याख्या की, कार्यशाला विषयक संक्षिप्त जानकारी दी, संरक्षणम् कार्यशाला हर संस्था में कैसे करें उन बातों की चर्चा भी की | उन्होंने उदाहरण तौर पर बताया कि अपने परिवार में बच्चों को कैसे साथ रख कर उनको छोटे से छोटे संस्कार देना चाहिए, जिससे आने वाला समय व समाज अच्छा व सुदृढ़ बने। नीतू जी ओस्तवाल ने बताया संरक्षणम् क्या है, उसका उद्देश्य क्या है, सम्यक्त्व, संस्कृति, संस्कार, सौहार्द, सम्बन्ध, संस्था के पोइन्टस पर जानकारी दी व कैसे इन नियमों का पालन करके अपने समाज को, घर को स्वस्थ बना सकते हैं। उषा जी सिसोदिया ने साध्वी प्रमुखा श्री जी का विशिष्ट संंदेश का वाचन किया व मेवाड़ क्षेत्र की महिलाओं की जागरूकता व सजगता की सराहना भी की । श्रीमती विजयलक्ष्मी जी भूरा ने मण्डल के संविधान, शाखा मण्डल के चुनाव का लेखा -जोखा मेवाड क्षेत्र की बहनों को समझाया। मेवाड की बहनों की जिज्ञासा का समाधान भी किया गया।
आयुक्त साब बृजेशजी ने तेरापंथ महिला मंडल की प्रशंसा करते हूए कहा की- हर समाज की महिला मंडल को ऐसे कार्यक्रम करने चाहिए जिनसे उनकी नींव मजबूत बने। राजसमन्द विधायक
दीप्ति जी माहेश्वरी ने अपने व्यक्तव्य में मण्डल की भूरी भूरी प्रशंसा की, साथ ही प्रज्ञा विहार के रोड को आचार्य महाश्रमण रोड का नाम देने की घोषणा की ।
मेवाड़ स्तरीय इस कार्यशाला में लगभग 22 क्षेत्रों से लगभग 450 बहनों की सहभागिता रही।
कांकरोली मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का विशेष आकर्षण केन्द्र संरक्षणम् से सम्पादित छह विषयक – संबध, सौहार्द, संस्कार, संस्कृति, सम्यक्त्व और संस्था की live झांखी , क्रियेटिव सेल्फी पोइन्ट और संरक्षणम् रंगोली रही।
कांकरोली मंडल की दो वर्ष की उपलब्धियों, गतिविधियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया।
कार्यशाला का संचालन मनीषा जी कच्छारा और खुशी तलेसरा ने संयुक्त रूप से किया । आभार ज्ञापन मंत्री किर्ति जी कोठारी ने किया । कार्यशाला में सभा के मंत्री श्रीमान धनेंद्र जी मेहता मेवाड़ कॉन्फ्रेंस से श्रीमान भूपेंद्र जी चोरड़िया श्रीमान कमलेश जी कच्छारा अणु विभा से श्रीमान जगजीवन जी चोरड़िया पवन जी कोठारी मुकेश जी कोठारी आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे
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