दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर से M.sc गणित अंतिम वर्ष के छात्र शिवम वर्मा ने सबसे प्रतिष्ठित ऑनलाइन इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स कॉम्पटिशन (अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी प्रतियोगिता) (IAAC) 2020 के दूसरे चरण के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। और फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। अब वह भारत का प्रतिनिधित्व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे।
बताते चले पिछले महीने 25 मई को इन्होंने पहले चरण को क्वालीफाई किया था और इन्हे इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स कॉम्पटीशन (IAAC) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राजदूत (Ambassador) के लिए भी चुना गया है।
शिवम वर्मा ने अपने पिता शैलेश वर्मा और माता श्रीमती गुड़िया देवी,गोरखपुर विश्वविद्यालय और देश का मान बढ़ाया है। उनके इस सफलता से सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
IAAC दुनिया में सबसे बड़ा ऑनलाइन खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी प्रतियोगिता है।
IAAC खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों को सक्षम बनाता है ताकि वे अपने कौशल का प्रदर्शन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कर सके।
बचपन से ही शिवम वर्मा को गणित और अंतरिक्ष विज्ञान में गहरी रुचि रही है। महान खगोल विज्ञानी गैलीलियो ने गणित के बारे में कहा है कि गणित वह भाषा है जिसके साथ ईश्वर ने ब्रह्मांड लिखा है।
उन्होंने बताया कि खगोल विज्ञान में भारत का बहुत बड़ा योगदान है। अगर भारत ने शून्य का आविष्कार नहीं किया होता चाँद तारो के बीच की दूरी का अनुमान लगाना संभव नहीं था।
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