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Tuesday, April 22, 2025 8:43:01 PM

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महराजगंज। बृजमनगंज ब्लाक की आशा निकली कोरोना पाजिटिव,क्षेत्र में दहशत का माहौल

महराजगंज। बृजमनगंज ब्लाक की आशा निकली कोरोना पाजिटिव,क्षेत्र में दहशत का माहौल
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार जगदम्बा प्रसाद की रिपोर्ट

महराजगंज।
जनपद महराजगंज के थाना क्षेत्र बृजमनगंज ग्राम सभा फुलमनहा के टोला जहलीपुर निवासी गीता देवी पत्नी उमेश की शनिवार को जिले से जांच में पाजिटिव रिपोर्ट आने पर पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार फुलमनहा ग्राम सभा के टोला जहलीपुर की रहने वाली आशा गीता देवी का शनिवार को जिले से जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर ग्राम प्रधान अमित पासवान, बीडीओ डा.रणजीतसिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी सर्वजीत गुप्ता, पूर्व जिला पंचायत सदस्य योगेंद्र यादव सहित बृजमनगंज थानाध्यक्ष संजय दूबे ने पहुंच कर गांव को सील कर दिया। बताते चलें कि गीता देवी बृजमनगंज स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकत्री हैं। इस खबर को सुनकर पूरे ब्लाक की आशा सहमी हुई हैं। अपनी जान की परवाह किये बगैर 24 घंटे लोगों के बीच सेवा देते हुए अपनी ड्यूटी निभा रही आशा कार्यकत्रियों पर कोई ध्यान शासन द्वारा नही दिया जा रहा हैं।
आंकड़ों के अनुसार महिलाओं की 90% डिलेवरी रात मे ही होता है इसे हम प्रकृति का नियम भी कह सकते है। केस को लेकर पूरी रात अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ मौजूद रहती हैं आशा जब तब तक बच्चा नही हो जाता। उन्हें अस्पताल से जाने की इजाजत नहीं मिलती। प्रदेश सरकार की योजनाओं को बखूबी जिम्मेदारी के साथ एक कदम आगे बढकर सहभागिता निभाती हैं। एक समय ऐसा था जब सभी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिर्फ नाममात्र का चलता था। सरकार ने महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए आशा कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त किया। आज आशा कार्यकर्ताओं की वजह से पूरे प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में रौनक लौट आयी। आशा बहनों ने गांव की महिलाओं को जागरूक कर सरकारी अस्पताल में डिलेवरी कराने के लिए प्रेरित किया। महिलाओं को खुले में शौच नहीं शौचालय का प्रयोग करें। परिवार नियोजन को अपनाये। बालिकाओं को जागरूक किया। सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग एवं शरीर की स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया। इस लाकडाऊन मे आशा बहनों ने अपना कार्य जिम्मेदारी से निभा रही है परंतु उन्हें सुविधाओं के नाम पर नाममात्र हैडग्लब्स,मास्क, सेनेटाइजर कहीं कहीं उपलब्ध हुआ। आज फील्ड में दिनरात दौडने वाली आशा भी सुरक्षित नहीं है। यह चिंता का विषय है इस पर प्रशासन एवं सरकार को सोचना चाहिए।

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