बहराइच। पूरे देश मे लॉकडाउन का आज 23 वां दिन है। केन्द्र व राज्य सरकार ने पत्रकारो को आवश्यक सेवाओ के तहत कवरेज की छूट दे रखी है तथा पत्रकारो की भूमिका को सराहा भी गया है। लेकिन राज्य सरकार ने इस संकट काल मे जोखिम लेकर पत्रकारिता करने वाले चौथे स्तम्भ के भविष्य के लिए कुछ नही सोचा जो चिन्तनीय और अफसोसनाक है। दूसरे यह कि इस दौरान जिले मे उच्चाधिकारियो का आगमन व जिले के उच्चाधिकारी बुद्धजीवियो, व्यापारियो,सामाजिक संगठनो, धर्म गुरुओ व अधीनस्थ अधिकारियो के साथ लगातार बैठके कर रहे है। लेकिन पत्रकारो से प्रशासन का कोई समन्वय व तालमेल नही है। बल्कि पत्रकारो की स्थिति बिल्कुल मूक-बधिर जैसी है। सूचना विभाग व पुलिस विभाग से प्रेस नोट और वीडियो क्लिप उसे पकड़ा दिया जाता है। खासकर यह स्थिति पत्रकारो के लिए दयनीय है। जबकि उसे अपने अधिकार व सम्मान का एहसास नही है।
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