एक तरफ जहां भारत में करोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए लाकडाउन जैसा कदम उठाना पड़ा। वहीं दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए राज्य में प्रत्येक ग्राम सभा में आदेश जारी कर प्राथमिक विद्यालय एवं आंगनबाड़ी सेंटर कोरोनटाईन सेंटर में तब्दील कर 14 अप्रैल तक रुकने का आदेश जारी किया गया। कोरोनटाईन ब्यक्तियों की देखभाल मे प्रधान से लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस प्रशासन, खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी,सफाई कर्मचारी, रसोईया आदि लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुछ जगहों पर थोड़ी बहुत कमियां दिखाई दी। यह सब कुछ देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज
जनता को बचाने के लिए लिया गया कठोर निर्णय की देन है। अगर समय से सरकार निर्णय नहीं लेती तो देश की स्थिति बहुत ही भयानक हो जाती। हर जिले के जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला आपूर्ति अधिकारी, संबंधित बैंक, ग्राहक सेवा केंद्र ने जनता का ख्याल रखने के हेल्पलाइन नंबर जारी किया। लाकडाउन मे गरीब परिवार के लोगों को सरकार ने नि:शुल्क उज्जवला गैस, जनधन खाते में 500रुपये, नि:शुल्क राशन, पंजीकृत श्रमिक के खाते में 1000 रुपये एवं जाबकार्ड धारकों को सहयोग राशि भेजकर राहत पहुचाने कार्य किया।
कोरोनटाईन लोगों से मुलाकात होने पर उन्होंने दुखी मन से परिवार एवं बच्चों से मिलने के लिए ब्याकुल दिखाई दिये साथ ही कुछ लोगों ने कहा कि दैनिक मजदूरी से परिवार का खर्च उठाने वाले हम मजदूर है लाकडाउन मे परिवार एवं बच्चों के बिना दिन गुजारें है। लोग अपने परिवार से मिलने के लिए ब्याकुल है। उन्हें शासन के आदेश का इंतजार है साथ ही शासन से सहायता की उम्मीद है।
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