महराजगंज। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध मे शाहीन बाग सहित देश के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण ढंग से इस भयंकर जाड़े की ठिठुरती रातों में भी प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सलाम करता हूं।
यह उक्त बातें बुधवार को नौतनवा नगर में स्थित अपने आवास पर कुँवर अखिलेश सिंह ने पत्रकारों से बात चीत करते हुए कही।
उहोने कहां कि लखनऊ में प्रख्यात कवि मुनव्वर राणा की बेटियों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने पर उनके ऊपर एफआईआर करना और उत्तर प्रदेश के लगभग हर जनपदों में धारा 144 लगाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकना लोकतंत्र का गला घोटने जैसा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में मुख्यमंत्री और लखनऊ में गृह मंत्री अमित शाह का CAA पर रैली निकालना यह प्रमाणित करता है कि वह नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने पर देश की जनता को समझ नहीं पाए। CAA पर लोकतंत्र व संविधान में आस्था रखने वाले लोगों का विरोध मात्र इतना है कि यह कानून संविधान का मूल भावना के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या पूर्व के कानून में अन्य देशों से आए शरणार्थियों को हमने नागरिकता प्रदान नहीं किया। देश के असम राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। उन्हें वहां जाकर अपने हिंदू समर्थकों को समझाना चाहिए कि वह CAA का
विरोध क्यों कर रहे हैं उत्तर प्रदेश सरकार में यदि हिम्मत है तो शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर से प्रतिबंध हटाकर देखे। गांव से लेकर जिले तक और जिले से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक इस विरोध में कितने लोग हैं। स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान सरकारी संसाधनों से बड़ी-बड़ी रैलियां किया था परंतु जब आपातकाल समाप्त हुआ तो देश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को उखाड़ फेंका। इसी के साथ उन्होंने कहा कि अमित शाह के अंदर साहस है तो बताइए कि वह देश में एनआरसी कब लागू करेंगे। संपूर्ण देश के अंदर CAA के विरोध में जिस तरह से महिलाएं, छात्र, बुद्धिजीवी नौजवान सड़कों पर उतरे हैं। उससे सरकार को सीख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह शाहीन बाग सहित देश के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण ढंग से इस भयंकर जाड़े की ठिठुरती रातों में भी प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सलाम करते हैं और उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि देश के इतिहास में गांधीवादी तरीके से उनका आंदोलन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
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