बहराइच 01 दिसम्बर। उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही ने बताया कि धान की पुआल/पराली, गन्ने की पत्तियां/कूड़ा करकट जलाये जाने के सम्बन्ध में सेटेलाइट द्वारा अब तक जनपद की 60 घटनायें चिन्हित की गयी है। जबकि विगत वर्ष इस अवधि तक कुल 110 घटनायें सेटेलाइट के माध्यम से संसूचित की गयी थी। श्री शाही ने बताया कि संसूचित की गयी 60 घटनाओं में 26 घटनायें धान की पराली से तथा 11 घटनायें कूड़ा करकट अवशेष एवं 18 घटनायें अन्य जनपदों (06 गोण्डा व 12 श्रावस्ती) से सम्बन्धित हैं। इस प्रकार से जनपद में विगत वर्ष की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 62 प्रतिशत की कमी आयी है।
उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में संचालित किये गये जन-जागरूकता अभियान के परिणाम स्वरूप किसानों में पराली/पुआल जलाने के बजाय प्रबन्धन का रूझान बढ़ा है। पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश को लेकर अगर जिलाधिकारी की प्रतिबद्धता की बात की जाय तो वे स्वयं खेतों के बीच में खड़े होकर जलती पराली को बुझाते हुए नज़र आये। डीएम के दिशा निर्देश पर जनपद में किसानों के बीच बड़ी तादाद में वेस्ट-डी-कम्पोज़र का भी वितरण किया गया। इसके अलावा डॉ. चन्द्र द्वारा कूड़ा जलाने की घटनाओं का भी कड़ा संज्ञान लिया गया है और सम्बन्धित नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारियों का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
श्री शाही ने बताया कि फसल अवशेष के बेहतर प्रबन्धन हेतु डीएम के निर्देश पर समस्त विकास खण्डों में स्थित राजकीय कृषि बीज भण्डारों, कृषि भवन, कलेक्ट्रेट एवं विकास भवन प्रांगण में कुल 18 होर्डिंग, जिले की समस्त 135 न्याय पंचायतों में कुल 136 कृषक जागरुकता गोष्ठी का आयोजन किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र (प्रथम) बहराइच द्वारा ब्लाकों पर किसान गोष्ठियां, जिला स्तर पर कृषक जागरुकता गोष्ठी/प्रदर्शनी तथा प्रत्येक ब्लाक में 08-08 स्थानों पर फसल अवशेष प्रबन्धन सम्बन्धी वालराइटिंग/वालपेन्टिंग के माध्यम से कृषकों को जागरुक करने के साथ-साथ किसानों के मध्य 24600 वेस्ट-डी कम्पोजर का वितरण भी किया गया है। जिसके फलस्वरुप विगत वर्ष की अपेक्षा वर्तमान वर्ष में पराली/फसल अपशिष्ट जलाने की घटनाओं में कमी आयी है।
उप निदेशक कृषि ने बताया कि इसके अलावा खेतों में निकली हुयी 965.50 मै.टन से अधिक पुआल/पराली गौशालाओं को भेजी गयी है। जिले के किसानों द्वारा लगभग 251 मै.टन फसल अवशेष/पराली रू. 150 से 200 प्रति कुण्टल की दर से मै. विपुल इण्डस्ट्रीज रिसिया मोड़ रिसिया को इनर्जी पिलेट्स बनाने हेतु बिक्री किया गया। जनपद में जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र के कुशल नेतृत्व से कृषि, राजस्व, पशुपालन आदि विभागों के क्षेत्रीय कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा कृषकों में पराली/फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु जागरुकता का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किये जाने से जनपद में फसल अवशेष/पराली जलाने की न्यूनतम घटनायें घटित हुई, जिससे पर्यावरण, मृदा स्वास्थ्य एवं मानव स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है।
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