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Wednesday, June 25, 2025 10:30:11 PM

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बांकी की बंद खदान से गांवों में निस्तारी-सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग की माकपा ने

बांकी की बंद खदान से गांवों में निस्तारी-सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग की माकपा ने
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एसईसीएल कोरबा एरिया के अंतर्गत बंद हो चुकी बांकी खदान से मड़वाढोढ़ा, पुरैना और बांकी बस्ती गांव के लिए निस्तारी एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग की है। इस संबंध में आज माकपा जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में जवाहर सिंह कंवर, मोहपाल, शिवरतन, विजय चौहान, लखपत, सत्रुहन, विजय, दिलीप आदि ने एक ज्ञापन सुराकछार सब-एरिया मैनेजर के माध्यम से महाप्रबंधक के नाम सौंपा।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा है कि बांकी के अंडरग्राउंड माइन्स के कारण इन गांवों में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है। इसके कारण गर्मी में तालाब सूख जाते हैं और ग्रामीणों को निस्तारी के साथ ही मवेशियों को भी पानी की काफी परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि जब खनन चल रहा था, तो एसईसीएल द्वारा इन गांवों में पानी बोरहोल के माध्यम से दिया जाता था, जिससे बारहों माह तालाब भरे रहते थे और पानी की उपलब्धता से किसान दोहरी फसल के साथ सब्जी उगा कर अपना जीवन यापन करते थे।

माकपा ने एसईसीएल महाप्रबंधक से मांग की है कि मड़वाढोढ़ा, पुरैना और बांकी बस्ती में पाइप लाइन के माध्यम से तालाबों को भरने की व्यवस्था की जाए, इससे निस्तारी-सिंचाई सुविधा के साथ ही मवेशियों के लिए भी पानी की समस्या हल होगी।

उन्होंने बताया कि इस समस्या की ओर एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान कई बार आकर्षित किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र से मुनाफा कमाने के बाद अब प्रबंधन अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने से भाग रहा है। पिछले वर्ष भी घोर जल संकट पैदा हुआ था और कोरोना काल में भी ग्रामीणों को चार-पांच किमी. दूर जाकर पानी की व्यवस्था करनी पड़ी थी।

माकपा ने चेतावनी दी है कि यदि गर्मी से पहले पानी की व्यवस्था नहीं की गई, तो पार्टी महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव करने के लिए बाध्य होगी।

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