सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र चतुर्वेदी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखते हुए कहा
कि कोरोना संकट के चलते आज देश में लाखों मजदूर अलग अलग शहरों में फंसे हुए हैं। तंग गलियों के दड़बेनुमा मकानों में फंसे इन मजदूरों को न तो भोजन मिल पा रहा है, न नींद और न ही रोजी।
इनकी घर वापसी का तत्काल प्रबंध किए जाने के लिए मेरे कुछ सरल से सुझाव है:-
1. एक शहर से दूसरे शहर के लिए सीधी ट्रेनें चलाई जाएं। फंसे हुए लोगों के स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाए। जो स्वस्थ पाए जाएं, उन्हीं को आने की अनुमति दी जाए।
2. इन ट्रेनों के सीमित स्टापेज रखें जाएं और इन स्टापेज स्टेशनों पर जो भी उस ट्रेन पर सवार हो, वे मजबूत स्क्रीनिंग के बाद ही इन स्टेशनों में प्रवेश कर पायें।
3. गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी इनकी एक जांच और की जाए और तब घर जाने दिया जाए।
4. इन ट्रेनों का ठहराव जहां भी हो, वहां के लिए दूरस्थ क्षेत्रों (जहां जहां परदेसी लोग फंसे हुए हों) से बसें चलाई जाएं, जिसमें आम जनता को सवारी की अनुमति नहीं हो। इन बसों में भी यात्रा करने वाले पूरी तरह जांच के बाद ही सवार हों।
5. इस प्रक्रिया में जो भी लोग घर पहुंचें उनकी सघन निगरानी की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की हो।
आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त प्रक्रिया के तहत देश के कोने-कोने में फंसे व वर्तमान में नारकीय जीवन जी रहे लाखों मजदूरों की घर वापसी सुनिश्चित करने की कृपा करें।
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