असम (Assam) में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद (Hyderabad) से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बीजेपी (BJP) पर बड़ा हमला किया है. ओवैसी ने कहा कि आज असम में जो हुआ उससे बीजेपी को सबक सीखना चाहिए और मुसलमानों के संदर्भ में पूरे देश में एनआरसी की प्रक्रिया पर रोक लगानी चाहिए. इससे असम में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों के तथाकथित मिथक का भंडाफोड़ हुआ है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुझे इस बात की आशंका है कि नागरिक संशोधन विधेयक के माध्यम से भाजपा एक बिल ला सकती है, जिसमें वे सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इससे फिर से समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा. गौरतलब है कि असम में बहुप्रतीक्षित अपडेटेड नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स शनिवार को जारी किया गया, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों के नाम शामिल नहीं हैं. एनआरसी में शामिल होने के लिए कुल 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था. एनआरसी के स्टेट कोआर्डिनेटर प्रतीक हजेला का कहना है कि 3,11,21,004 लोगों को अंतिम सूची में शामिल करने के लिए योग्य पाया गया. हजेला ने बताया कि 'जो लोग परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं, वे विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं.' अपील दायर करने की समय सीमा 60 से 120 दिनों तक बढ़ा दी गई है. बता दें कि करीब 20वीं सदी की शुरुआत से ही बांग्लादेश से अवैध घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा असम अकेला राज्य है जहां पहली बार 1951 में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार किया गया था. तब से ऐसा पहली बार है जब एनआरसी अपडेट किया गया है.
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