सरकार गठन और पोर्टफोलियो बंटवारे से फुर्सत होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के एक्शन प्लान पर काम करने में जुट गए हैं. इसी सिलसिले में वह सरकार के दर्जन भर टॉप मंत्रियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. ये मीटिंग 7 लोक कल्याण मार्ग में हो रही है. इस मीटिंग में सरकार के भविष्य के एक्शन प्लान पर तो चर्चा हो ही रही है, इसके साथ ही आने वाले दिनों में हर मंत्रालय का एजेंडा क्या होगा इस पर भी माथापच्ची हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रोड-ट्रांसपोर्ट, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद शिरकत कर रहे हैं. इसके अलावा इस मीटिंग में मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल हैं. सियाचीन दौरे पर होने की वजह से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मीटिंग में शामिल नहीं हो सके हैं. बता दें कि 17 जून से 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है. 17 से 19 जून तक नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी. लोकसभा सचिवालय से सोमवार को जारी बयान के अनुसार राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को 20 जून को सुबह 11 बजे संसद के केन्द्रीय कक्ष में संबोधित करेंगे. दोनों सदनों की बैठक 26 जुलाई तक चलेगी. राज्यसभा का सत्र 20 जून से ही शुरू होगा. इस सत्र में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करेगी. इसके साथ ही सरकार अपने एजेंडे पर काम करना शरू कर देगी. नरेंद्र मोदी के लिए इस समय रोजगार का मोर्चा सबसे चुनौतीपूर्ण है, देश में बेरोजगारी की दर 45 साल के अधिकतम स्तर पर जा चुकी है. पटरी से उतर चुकी जीडीपी को फिर से रफ्तार देना नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बेहद चुनौती पूर्ण रहने वाला है. अप्रैल-जून 2019 की तिमाही में जीडीपी में गिरकर 6.2 फीसदी हो गई. सरकार की प्राथमिकता ये पता लगाने की होगी कि जीडीपी इतनी तेजी से क्यों गिर रही है. मॉनसून की दशा-दिशा भी नरेंद्र मोदी सरकार के एक्शन प्लान को निर्धारित करेगी. अगर बारिश में कमी हुई तो मोदी सरकार की परेशानियां बढ़ सकती हैं, ऐसी हालत में खाद्यान्न पर होने वाला सरकार का खर्च बढ़ सकता है. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतें, जम्मू-कश्मीर के हालत भी सरकार के टॉप एजेंडे में है.
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