संभल। अपनी अनूठी सियासत और अयोध्या मुद्दे पर सुर्खियों में रहे डा. शफीकुर्ररहमान को सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा गठबंधन का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वह चार बार सांसद और चार बार विधायक रह चुके हैं। एक बार 1989 में वह राज्य सरकार में होमगार्ड विभाग के राज्यमंत्री भी थे। पार्टी में और भी दावेदार थे। सभी का पक्ष सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अलग-अलग सुना और इसके बाद संभल से सांसद रह चुके डा. शफीकुर्ररहमान बर्क पर एक बार फिर भरोसा किया। उन्हें पार्टी ने लखनऊ में प्रत्याशी घोषित किया है। संभल से डा. बर्क 2009 में पहली बार बसपा से सांसद चुने गए थे लेकिन 2014 का चुनाव वह सपा के प्रत्याशी थे और मामूली अंतर से हार गए थे। तब भाजपा के सत्यपाल सैनी ने सांसद बन कर संसद में भाजपा का खाता खोला था। सियासी हलकों में 2019 के चुनाव में डा. बर्क का चुनाव मैदान में उतरना तो पक्का माना जा रहा था था। क्योंकि वह लंबे समय से सपा नेतृत्व के संपर्क में थे और दो दिन पहले उन्हें भरोसा मिल गया था लेकिन उनके नाम का एलान शुक्रवार को हुआ। डा. बर्क 1996, 1998, 2004 में मुरादाबाद से सपा के सांसद रह चुके हैं जबकि 1974,1977,1985 व 1989 में विधायक रह चुके हैं। वह 1989 में उत्तर प्रदेश सरकार में होमगार्ड विभाग के राज्यमंत्री भी रहे हैं। भाजपा- सत्यपाल सिंह सैनी, मत प्रतिशत 34.08 (कुल 3,60,000 मत मिले) सपा- डा. शफीकुर्रहमान बर्क, मत प्रतिशत 33.59 (कुल 3,55,068 मत मिले) बसपा-अकीलुर्रहमान खान, मत प्रतिशत 23.90 (कुल 2,52,640 मत मिले) मैं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्णय के साथ हूं। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव जो भी फैसला लेते हैं वह सोच समझ कर लेते हैं। जावेद अली खां, राज्य सभा सदस्य।
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