नवादा स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर से बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. सदर अस्पताल में इन दिनों बाइक के रजिस्ट्रेशन पर एंबुलेंस चलाई जा रही है. यह मामला तब सामने आया जब जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा एंबुलेंस वाहन संबंधित सूची उपबलब्ध करवाई गई. जाहिर है अब तक इन एंबुलेंसों पर बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर लगे हुए हैं, जो कहीं ना कहीं एक बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा कर रहे हैं.गौरतलब है कि नवादा जिले में एंबुलेंस की सेवा करसोटीयम ऑफ पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा चलाई जा रही है. सदर अस्पताल के साथ-साथ जिले के सभी पीएचसी में इसी कंपनी (NGO)के द्वारा एंबुलेंस चलाई जा रही है. जिसमें यह पाया गया कि काशीचक एवं कौवाकोल के एंबुलेंस पर जो नंबर रजिस्टर्ड है वह एंबुलेंस के बजाय बाइक की निकली
मामला इतना भर ही नहीं है बल्कि एंबुलेंस पीएचसी में देने के बाद आज तक इन एंबुलेंसों पर रजिस्ट्रेशन नंबर को अंकित नहीं किया गया है. सदर अस्पताल में भी लगे कुछ एंबुलेंस में नंबर अंकित नहीं हैं
इस एंबुलेंस को चलाने वाले ड्राइवर एवं ईएमटी का कहना है कि जब से यह कंपनी पिछले कुछ माह से अपनी सेवा दे रही है वो संतोषजनक नहीं है. कंपनी का रवैया कर्मियों के प्रति अच्छा नहीं रहा है. कई माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है. निर्धारित समय से ज्यादा काम लिया जाता है यहां तक कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन भी नहीं रहता है. जिसके कारण एंबुलेंस ड्राइवर को मरीज के परिजन या खुद के पैकेट से लगाकर ऑक्सीजन डालना पड़ता है. साफ-सफाई के नाम पर जो पैसे आती है उसे भी एंबुलेंस में नहीं दिया जाता है, जिस कारण एंबुलेंस हमेशा गंदा ही रहती है.वहीं इस मामले पर जब जिला परिवहन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा दी गई लिस्ट में जो नंबर उक्त दोनों पीएससी का जो प्राप्त हुआ है वह रजिस्ट्रेशन एंबुलेंस के नाम पर नहीं है. जो अपने आप में गलत है. इसकी जांच बहुत जल्द कराई जाएगी और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना वसूला जाएगा.जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम तस्मिम अहमद जाफरी ने भी कहा कि उन्हें यह बात अभी फिलहाल संज्ञान में आया है. दोनों वाहनों का पेपर निकालकर जांच किया जा रहा है और बहुत जल्द वह इन दोनों गाड़ियां का सत्यापन कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. त्रुटि पाए जाने पर राज्य स्वास्थ्य समिति को इस बात से अवगत कराया जायेग.अभी तो फिलहाल यही दो एंबुलेंस का मामला संज्ञान में आया है. मामला जो भी हो मगर फिलहाल यह एक बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा कर रहा है. क्योंकि इसी कंपनी के द्वारा पूरे बिहार में एंबुलेंस की सेवा दी जा रही है. जिससे यह बात साबित होता है कि राज्य में एंबुलेंस के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. अब देखना होगा की प्रशासन इस मामले को कब तक संज्ञान में लेती है और कंपनी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करती है.
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