जमुई के सांसद चिराग पासवान के बाद अब लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राम विलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने भी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को चिराग के ट्वीट के बाद पशुपति पारस एक कदम और आगे बढ़ गए.पटना में उन्होंने प्रेस वार्ता की और न केवल अपने लिए सात सीटें मांगी बल्कि भाजपा को 31 दिसंबर तक सीटों को बांटने के लिए मोहलत भी दी. पारस ने कहा कि 2014 में हमलोग एनडीए का हिस्सा रहे. साढ़े चार वर्ष हम विश्वास के साथ रहे और हम चाहते हैं कि एनडीए की सरकार फिर बने.उन्होंने कहा कि हमारी पीएम से मांग है कि सही समय पर सीट शेयरिंग पर वो निर्णय लें. हम चाहते हैं कि हम जितनी सीटों पर लड़े थे हमें उतनी सीट फिर से मिलें और समय से पहले मिलें. पारस ने कहा कि ये नहीं होगा कि हमें ये सीट बीजेपी से चुनाव के ठीक पहले मिले. अगर हमारी मदद नहीं की जाएगी तो हम पीछे पीछे नहीं दौड़ेंगे.पारस ने कहा कि जदयू और भाजपा ने आपस में सीटों पर बात की लेकिन लोजपा से नहीं पूछा गया. आज तक हमलोगों को नहीं पूछा गया कि हम कितनी सीटों पर लड़ेंगे. पारस ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर 7 सीटें चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि एनडीए से जीतन मांझी गए, कुशवाहा गए तो गठबंधन पर असर तो पड़ रहा है. उन्होंने सीटों के बंटवारे के लिए 31 दिसंबर तक की मोहलत देने की बात की.इससे पहले प्रकरण की शुरुआत पार्टी के संसदीय दल के नेता और जमुई से सांसद चिराग पासवान के उन दो ट्वीट को लेकर हुई, जिसमें उन्होंने एनडीए से नाराजगी और बीजेपी की तीन प्रदेशों में हार के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में असंतोष उभरने के संकेत दिए. मंगलवार की रात चिराग ने अपने ट्विटर हैंडल से दो ट्वीट किए. पहला ट्वीट 8.02 और दूसरा 8.14 मिनट पर आया. एलजेपी सांसद चिराग पासवान के इन दो ट्वीट्स ने एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए.पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘टीडीपी और रालोसपा के एनडीए से जाने के बाद गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है. ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानपूर्वक तरीक़े से दूर करे.’
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