पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन में जाने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अभी मैंने महागठबंधन में जाने का फैसला नहीं लिया है. मेरे सामने कई विकल्प हैं उनमें से एक महागठबंधन है. कल कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वो लोग आए और उनसे बात हुई लेकिन क्या बात हुई ये नहीं बताया जा सकता, आप कयास लगाते रहिये.उपेंद्र कुशवाहा से जब उनकी पार्टी में हुई टूट और उनके ही विधायकों की ओर से उनपर स्वार्थ की राजनीति करने के लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. उपेंद्र कुशवाहा आज पटना के एस के एम हॉल (श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल) में मौजूद थे जहां उनके समर्थकों ने ‘बिहार का सीएम कैसा हो उपेंद्र कुशवाहा जैसा’ हो के जमकर नारे लगाए. यहां पर आरएलएसपी का मिलन समारोह आयोजित किया गया था.कल ही खबर आई थी कि कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली स्थित आवास में मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक 6 से 7 सीटों पर बात हुई. कल ये माना जा रहा था कि रविवार को पटना के एस के मेमोरियल हॉल में उपेन्द्र कुशवाहा बड़ा ऐलान कर सकते हैं.बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे से नाराज उपेंद्र कुशवाहा ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया था. अब कांग्रेस उपेंद्र कुशवाहा को अपने पाले में लाकर महागठबंधन को साकार रूप देने की कोशिश कर रही है.इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के तीन विधायकों ने पार्टी में विद्रोह करते हुए एनडीए के साथ जाने का फैसला किया. जिसमें विधानसभा सदस्य सुधांशु शेखर और ललन पासवान शामिल हैं. एक विधान परिषद सदस्य संजीव श्याम सिंह ने भी उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया. बिहार विधानसभा में आरएलएसपी के मात्र 2 विधायक हैं. साथ ही इन तीनों ने पार्टी पर भी अपना दावा किया है. बागी विधायकों ने पार्टी सिंबल, दफ्तर पर दावा ठोका. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो निर्वाचन आयोग का भी दरवाजा खटखटाएंगे.
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