बिहार के मुसलमानों का मोह क्या जेडीयू और नीतीश कुमार से भंग होते जा रहा है? इसकी बानगी राजधानी पटना में दिखी जहां मटन और चिकेन बिरयानी भी मुसलमान कार्यकर्ताओं को रिझाने में विफल रही. पटना के एसकेएमसीएच में आयोजित जेडीयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में जो तस्वीर दिखी वो पार्टी के लिए पूरी तरह से निराशाजनक थी.पटना जिला के अल्पसंख्यक कार्यकर्ता सम्मेलन में आधी से अधिक कुर्सियां खाली रह गईं. इस सम्मेलन में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और आरसीपी सिंह भी मौजूद थे. सम्मेलन के जरिये जेडीयू की कोशिश थी कि अल्पसंख्यकों को रिझाया जाए लेकिन ऐसा हो न सका. अल्पसंख्यक सम्मेलन में आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए लजीज व्यंजन बनाए गए थे. मेनू में मटन बिरयानी और चिकेन बिरयानी की व्यवस्था थी फिर भी कार्यकर्ता नहीं पहुंचे.खानसामों के मुताबिक कार्यकर्ताओं की भूख मिटाने के लिए 6 क्विंटल मटन की व्यवस्था की गई थी और 4000 लोगों के खाने की व्यवस्था की गई थी लेकिन कुर्सियां खाली रह गई. ये व्यवस्था अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद फिरोज अहमद की तरफ से की गई थी. सभा के दौरान हॉल की कुर्सियां खाली रह गई तो कार्यक्रम के आयोजक पर मंत्री जी भड़क गए.अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद ने कहा कि ये बेहद शर्म की बात है कि इतने बड़े कार्यक्रम में हॉल तक नहीं भर पाया. मंत्री ने कहा कि मंच पर बैठे लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन इससे ज्यादा जरूरी था इस सम्मेलन तक लोगों को लाना. हालांकि कुर्सियां खाली रहने के बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का ये दावा था कि बिहार के मुसलमान नीतीश कुमार के ही साथ हैं.
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