बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बाद अब सीएम नीतीश कुमार भी लेखक बन गए हैं. दरअसल लालू प्रसाद पर लिखी सुशील कुमार मोदी की किताब ‘लालू लीला’ के बाद नीतीश कुमार द्वारा लिखित पुस्तक का भी मंगलवार को लोकार्पण हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संसद में दिये गये भाषणों का संकलन एक पुस्तक के रूप में तैयार की गई है.‘संसद में विकास की बातें’ नामक इस पुस्तक का विमोचन मंगलवार को बिहार विधान परिषद के सभागार में किया गया. इस पुस्तक का संपादन नरेंद्र पाठक ने किया है. पुस्तक में नीतीश कुमार द्वारा फरवरी 1990 से 24 अक्टूबर 2005 तक संसद में दिये गये भाषणों का संकलन है. पुस्तक की खास बात यह है कि एक सांसद के रूप में नीतीश कुमार ने जो बातें अपने भाषण के रूप में संसद में कही थीं, उन्हीं बातों को जब वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो अपने शासन के एजेंडे में शामिल करते हैं.चाहे वह बिजली की बात हो, सड़क की बात हो, लड़कियों की शिक्षा की बात हो या सात निश्चय के एजेंडे हों. इन सभी बातों को वह एक सांसद के रूप में लोकसभा में रेखांकित कर चुके हैं. संसदीय यात्रा के क्रम में नीतीश कुमार ने सरकार और समाज से जुड़े मुद्दों को आम विमर्श के केंद्र में कैसे लाया, और शासन में आने के बाद उन मुद्दों के संधान में कैसे जुट गये, इसकी पूरी तस्वीर दिखती है. नीतीश कुमार द्वारा लिखित इस पुस्तक को भी मशहूर प्रभात प्रकाशन ने छापा है.नरेंद्र पाठक द्वारा संकलित ‘संसद में विकास की बातें’ नामक इस पुस्तक में वो सारे भाषण हैं जो नीतीश कुमार ने अपने ससंदीय काल में बतौर सांसद दिया था. प्रभात प्रकाशन के एक अधिकारी ने बताया कि ये किताब नीतीश कुमार के भाषणों का संकलन है. प्रकाशक के मुताबिक ये किताब दो महीने से लंबित थी जिसे इसी महीने प्रकाशित करने का फैसला लिया गया है.नीतीश की इस पुस्तक का लोकार्पण विधान परिषद के सभागार में हुआ है. इस किताब के लेखक जहां नीतीश कुमार हैं वहीं संकलन नरेंद्र पाठक ने किया है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार इससे पहले भी किताब लिख चुके हैं जिसका लोकार्पण पूर्व राष्ट्रपति ने किया था. सुशील कुमार मोदी की पुस्तक के लोकार्पण के 10 दिन बाद आने वाली इस पुस्तक को लेकर प्रकाशक भी खासे उत्साहित हैं.
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