सेहत खराब होने के कारण राजेंद्र इंस्टीट्यूट्स ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में भर्ती होकर चारा घोटाले की सजा काट रहे लालू यादव बतौर पिता चिंतित हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीम लीडर लालू अपने छोटे बेटे और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव से शनिवार को मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात तेजस्वी और बड़े भाई तेज प्रताप के बीच खटपट की खबरों के बीच होगी.पार्टी सूत्रों के मुताबिक लालू यादव ने बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को भी मिलने का संदेशा भिजवाया है. लालू की कोशिश है कि अगले साल लोकसभा चुनाव और उसके अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी मजबूत रहे. उन्हें मालूम है कि बेटों के बीच की खाई आरजेडी में बिखराव पैदा कर सकती है.लालू न सिर्फ पारिवारिक मसलों पर बात करेंगे, बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर भी लालू अपने बेटों को सलाह देंगे. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता डायरेक्ट लालू के टच में हैं और लगातार रांची का चक्कर लगाते रहे हैं.27 अगस्त, 2017 को गांधी मैदान की रैली में तेज प्रताप ने खुद को कृष्ण बताते हुए बड़े भाई तेजस्वी का सारथी बनने की घोषणा नहीं, बल्कि गर्जना की थी. ये तेज प्रताप के फेमस शंखनाद के बीच हुआ. लेकिन जैसे-जैसे तेजस्वी ने सांगठनिक फैसले लेने शुरू किए, तेज प्रताप की नाराजगी कई मौकों पर सामने आ गई.पहला बड़ा मामला तेज के एक चहेते नेता राजेंद्र पासवान को पार्टी में ओहदा नहीं बढ़ाने पर सामने आया. जब ऐसा नहीं हुआ तो तेज ने ट्वीट कर लिखा,”हम अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी सौंप कर खुद द्वारका जाना चाहते हैं.”पांच जुलाई को पार्टी की स्थापना दिवस पर तेज प्रताप ने कई वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक तौर पर झिड़की दी थी और कहा था, जब तेजस्वी दिल्ली जाएगा तो यहां बागडोर हम ही संभालेंगे.यही नहीं पिछले महीने राबड़ी देवी के आवास पर हुई पार्टी की बैठक में तेज प्रताप नहीं पहुंचे और जहां बैठक थी, वहीं गाड़ी पार्क कर गायब हो गए.
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