बिहार की राजनीति से अटल बिहारी वाजपेयी जी का खासा लगाव था. यहां की राजनीति से उनका जब भी जिक्र होता है तो उनके साथ कुछ नाम भी जुड़ते हैं, इन नामों में से एक नाम है लालमुनि चौबे का. लालमुनि चौबे अब भले ही इस दुनिया में नहीं हों, लेकिन उनके ‘अटल प्रेम’ के किस्से राजनीति में ख्यातिलब्ध हैं.बिहार के बक्सर सीट से लगातार चार बार लोकसभा के सांसद रहे लालमुनि चौबे अटल जी के काफी करीबी और ख़ास थे और इसकी वजह थी चौबे का ‘फक्कड़’ स्वभाव. शायद यही कारण था कि बीजेपी के सिंबल पर चौबे और एनडीए का पताका 1996 से 2009 तक बक्सर से लहराता रहा. लालमुनि चौबे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी माने जाते थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर दिया था. हालांकि बाद में मान-मनौव्वल के बाद उन्होंने नामांकन वापस लिया.राजनीति के जानकार कहते हैं कि लालमुनि को ‘अटल आशीर्वाद’ प्राप्त था. बक्सर की राजनीति को पिछले एक दशक से भी ज्यादा वक्त से समझ और देख रहे वरिष्ठ पत्रकार शशांक शेखर बताते हैं कि लालमुनि चौबे अटल जी के खास थे, इसमें कोई शक नहीं. चौबे का अटल जी से लगाव और अटल जी का चौबे के प्रति प्रेम का सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण था वो लालमुनि चौबे का ‘फक्कड़’ प्रवृति का होना.लालमुनि चौबे सांसद होते हुए भी सादगी से जीवन जीते थे और राजनीति के साथ विचारधारा पर भी काम करते थे, यही कारण था कि उनका पूरा करियर पूरी तरह से विवादों से दूर रहा. लालमुनि चौबे की पकड़ अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ उस वक्त के कई सीनियर लीडर्स के साथ भी थी, लेकिन वो खास थे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ही.
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