बिहार सरकार अपने स्कूली शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर वेतन दे सकती है. इस बात के संकेत सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना में दिए. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से ही वेतन मिलेगा.इसके लिए शिक्षा विभाग से कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने को कहा है. नीतीश ने कहा कि शिक्षक, छात्रों और पढ़ाई के स्तर की चिंता करें और उनकी चिंता हम करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले हमारी सभा में शिक्षक वेतन को लेकर काले झंडे दिखाते थे लेकिन अब वह सब करने की ज़रूरत नहीं है. जब हमें विभाग से रिपोर्ट मिलेगी तो हम उस पर उचित फ़ैसला करेंगे.सीएम ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से क़र्ज़ लेने वाले छात्र अगर क़र्ज़ चुकाने की हालत में नहीं होगा
तो उस क़र्ज़ को भी सरकार माफ़ कर देगी. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को लेकर सीएम ने कहा कि इसको लेकर मेरे मन में भी विचार है लेकिन इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं बताऊंगा. महामहिम से मिल कर ही उन्हें सुझाव दूंगा. नीतीश ने कहा कि पटना का नाम पाटलिपुत्र करने की मांग को मैंने मना कर दिया था क्योंकि हमें दो हज़ार साल पीछे जाने की ज़रूरत नहीं है. हमने अपने कार्यकाल में कई विश्वविद्यालय की स्थापना की है जिनका मक़सद है बिहार में शिक्षा को बढ़ावा मिले.सीएम ने नव सृजित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की शुरुआत पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि 2005-06 में शिक्षा का बजट पांच हज़ार करोड़ के आसपास था लेकिन आज यह आंकड़ा 25 हज़ार करोड़ का हो गया है इसके बावजूद शिक्षा को लेकर विपक्ष हम पर हमला बोलता है.
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