बिहार कांग्रेस के पांच विधायक नीतीश के महागठबंधन में वापसी का समर्थन कर रहे हैं और इस संबंध में बकायदा बयान भी दे रहे हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह के द्वारा अपने आलाकमान से नीतीश कुमार की वकालत करने के बाद कांग्रेस विधायकों में नीतीश के साथ खड़े दिखने की होड़ मच गई. एक बाद एक पांच विधायक पार्टी और गठबंधन लाइन से अलग नीतीश के समर्थन में बयान दे चुके हैं.प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी और विधान परिषद में पार्टी विधायक दल के नेता मदन मोहन झा की मौजूदगी में, शुरुआत विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने की थी और फिर विधायक शकील खां, तौशिफ आलम, सुदर्शन, मुन्ना तिवारी ने नीतीश के समर्थन में बयान दिए हैं.कांग्रेस में नीतीश के कायल विधायकों की संख्या बढती जा रही है. कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी अपने विधायकों को मुंह बंद रखने की हिदायत दे चुके हैं. बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा, ‘हमने हिदायत की है कि पार्टी लाइन के खिलाफ कोई बयान नहीं देना है. नीतिगत फैसला आलाकमान को लेना है. उनके स्तर पर फैसला लेना है और इस मामले में दोनों (राजद और कांग्रेस) के नेताओं के तरफ से एतिहयात बरतने की जरूरत है.’अपने विधायकों को नीतीश के मामले में मुंह बंद रखने की हिदाय़त देने वाले प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी खुद कहते हैं कि नीतीश कुमार अच्छे नेता हैं लेकिन संगत बुरी है, पहले नीतीश कुमार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.कांग्रेस विधायकों में नीतीश के समर्थन में खड़े होने का बढ़ता काफिला देखकर लग रहा है कि पार्टी पर एक बार फिर टूट का खतरा मंडराने लगा है. जब अशोक चौधरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया था और पार्टी टूट के कगार पर खड़ी हो गई थी.
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