नाबालिग सब्जी विक्रेता को जेल भेजे जाने के मामले में जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने सोमवार को जांच रिपोर्ट सौंप दी. जानकारी के मुताबिक, जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि नाबालिग सब्जी विक्रेता को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया था. पंकज को जिस बाइक लूट की घटना में शामिल होने का आरोपी बनाकर जेल भेजा गया, वो उसमें शामिल ही नहीं था.इस मामले को लेकर आईजी नैयर हसनैन खान की ओर से अगमकुआं थाना और बाइपास थाना के थानेदार को सस्पेंड करने की अनुशंसा की गई है, जिसपर कार्रवाई करते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है. रेड करने वाली पूरी पुलिस टीम, जिसमें 9 लोग शामिल थे, उन्हें भी सस्पेंड करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही रिपोर्ट में अगमकुआं और बाईपास थाना प्रभारी को पटना जिले में आगे पदस्थापन नहीं करने की भी अनुसंशा की गई है.मालूम हो कि पत्रकार नगर निवासी नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज को पुलिस मुफ्त में सब्जी नहीं देने के कारण उसे बाइक लुटेरा गिरोह का सदस्य बनाते घर से उठाकर ले गई थी. इतना ही नहीं पंकज के आधार कार्ड में अंकित उसकी उम्र को 14 को 18 साल का बनाकर रिमांड होम की जगह जेल भेज दिया था. पीड़ित परिवार इस मामले को लेकर थाना से लेकर आलाधिकारियों तक चक्कर लगा चुका था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. न्यूज 18 पर खबर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच के आदेश दिए थे.
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