सीबीआई ने शनिवार को चर्चित आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित आवास समेत करीब एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की। बी चंद्रकला पर हमीरपुर में जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन व अपने चहेतों को खनन पट्टे देने का आरोप है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दो साल पहले हाईकोर्ट ने बी चंद्रकला द्वारा आवंटित सभी मौरंग खनन के पट्टों को खारिज कर दिया था। साथ ही उनके कार्यकाल के दौरान हुए खनन व पट्टों के आवंटन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
इसी क्रम में आज सुबह करीब आठ सीबीआई अधिकारियों ने बी चंद्रकला के लखनऊ में योजना भवन के समीप स्थित सफायर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 101 में छापा मारा। इसके साथ ही हमीरपुर, जलौन, बुलंदशहर आदि कई जगहों पर भी अलग-अलग टीमों ने छापेमारी की।
इनमें हमीरपुर में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष व एमएलसी रमेश मिश्रा व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव दीक्षित के आवास व कार्यालयों भी शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य खनन माफियाओं के गोदाम में सीबीआई टीम की छापेमारी की गई।
कार्रवाई कर बाहर निकले सीबीआई अधिकारियों ने इस संबंध में मीडिया से कोई बात नहीं की। चंद्रकला यूपी कैडर में 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं।
2012 में अखिलेश सरकार में चंद्रकला को पहली पोस्टिंग में बतौर जिलाधिकारी हमीरपुर जिले में नियुक्त किया गया था। यहां उन्होंने खनन पट्टों के आवंटन में तय नियमावली का उल्लंघन करते हुए 50 मौरंग के खनन पट्टे किए थे।
जबकि मौजूदा समय में खनन पट्टों के आवंटन व खनन पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी थी। इसके अलावा खनन पट्टों का आवंटन ई-टेंडरिंग व्यवस्था के जरिए करने का प्रावधान था। बतौर जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने मनमाने ढंग से पट्टों का आवंटन कुछ चुनिंदा लोगों को किया था।
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