बहराइच 20 दिसम्बर। जनपद में 26 नवम्बर 2018 से संचालित मीजिल्स-रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान में बहराइच अर्बन क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम उपलब्धि सामने आयी है। इस स्थिति को गम्भीरता से लेते हुए हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव द्वारा बहराइच अर्बन क्षेत्रान्तर्गत आने वाले लगभग 161 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों, 41 मदरसों तथा 25 इण्टर कालेज के प्रधानाचार्यांे के साथ बैठक कर टीकाकरण अभियान में भरपूर सहयोग प्रदान करने की अपील की गयी। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना शिक्षण संस्थाओं की जिम्मेदारी है। बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्य, शिक्षक व प्रबन्ध तन्त्र के लोग स्कूली बच्चों को मीजिल्स-रूबेला का टीका लगवाये जाने में व्यक्तिगत रूप से रूचि लें। जिलाधिकारी ने बताया कि मीजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान के लिए आवंटित लक्ष्य 1333578 के सापेक्ष अब तक 668500 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिया कि निर्धारित रोस्टर के अनुसार गन्तव्य पर न पहुॅचने वाली टीकाकरण टीम के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी ने बताया कि टीकाकरण अभियान के दौरान सभी विकास खण्डों एवं बहराइच अर्बन क्षेत्र में चिकित्सकों की टीम उपलब्ध हैं जिनकी निगरानी में टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन स्कूलों/मदरसों में अभी भी बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ अथवा कम टीकाकरण हुआ वहाॅ पर विशेष टीकाकरण सत्र लगाकर शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण कराया जाय। बैठक में मौजूद कई विद्यालयों एवं मदरसों के ज़िम्मेदारान द्वारा बताया गया कि सोशल मीडिया पर टीकाकरण से सम्बन्धित भ्रामक वीडियो आ रहे हैं। इस स्थिति का कड़ा संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर आ रहे भ्रामक वीडियो का पुरज़ोर खण्डन करते हुए टीकाकरण अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें। लोगों को जानकारी दी जाय कि मीजिल्स-रूबेला का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों से कहा कि यदि इस प्रकार का कोई भ्रामक वीडियो व्हाट्सएप अथवा फेसबुक पर सामने आता है तो जिला प्रशासन के संज्ञान में लायें ताकि ऐसे शरारती तत्वों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जा सके। सेवेन्थ डे इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि शुरू-शुरू में उनके स्कूल में भी अभिभावकों द्वारा टीकाकरण का विरोध किया गया था परन्तु उन्होंने सर्वप्रथम स्कूल के शिक्षण स्टाफ के बच्चों का टीकाकरण कराया जिससे प्रेरित होकर अन्य अभिभावकों ने भी अपने बच्चों का टीकाकरण करवा लिया। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अन्य शिक्षण संस्थाओं से भी अपेक्षा की कि वह भी इस प्रकार का उदाहरण प्रस्तुत करें जिससे सभी अभिभावक अपने बच्चों का टीकाकरण करवा लें। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि टीकाकरण के सम्बन्ध में लोगों के बीच जो भ्रांतियाॅ हैं उन्हें दूर करने का प्रयास करें। एसएमओ डब्लूएचओ डा. प्रिया बंसल ने बताया कि देश के 19 राज्यों में मीजिल्स-रूबेला (एमआर) अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि निजी बाल रोग चिकित्सकों द्वारा यह टीका रू. 2200=00 की दर से बच्चों को लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की मंशा है कि प्रत्येक 09 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क टीकाकरण कराया जाना है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण से अब तक े किसी बच्चे को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय ने बताया कि इंजेक्शन लगने के भय (इंजेक्शन फोबिया) के चलते बच्चे रोने लगते हैं और इसी डर के चलते वह अपने को बीमार या कमज़ोर महसूस करने लगते हैं। बच्चों के अन्दर से इसी भय को दूर करने के लिए स्कूलों को स्पष्ट निर्देश हैं कि टीका लगने के दौरान अभिभावक भी मौजूद रहें ताकि बच्चे घबराएं नहीं, अभियान में जुटी टीमें भी एहतियात बरतें कि यदि किसी बच्चे को गम्भीर बीमारी, बुखार आदि है तो उसे टीका इलाज उपरान्त लगाया जाए, इसके अलावा टीकाकरण के दौरान बच्चों को ऐसा माहौल दिया जाए ताकि बच्चे के अन्दर का भय अपने आप खत्म हो जाए। इस अवसर पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विजय कुमार मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव, डीपीएम एनएचएम डा. आर.बी. यादव, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजीत चन्द्रा सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्य व प्रबन्धक मौजूद रहे।
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