सरकारी तेल कंपनियां प्रदेश में 9367 नए पेट्रोल पंप खोलेंगे। इसके लिए इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 24 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। खास बात यह है कि इंडियन ऑयल की देखरेख में पहली बार पूरी आवंटन प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। यह जानकारी रविवार को विभूतिखंड स्थित इंडियन ऑयल भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में कार्यकारी निदेशक आईओसीएल और यूपी में राज्यस्तरीय समन्वयक तेल उद्योग अरुण कुमार गंजू ने दी। गंजू ने बताया कि डीलरशिप आवंटन में पारदर्शिता के लिए थर्ड पार्टी का सहयोग लेकर प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। इसके लिए www.petrolpumpdealerchayan.in पर आवेदन किए जा सकते हैं। रिटेेल बिक्री के लिए उद्यमियों के पास यह विशेष मौका है। इसकी वजह है कि आवेदन के नियम शिथिल किए गए हैं। अगर किसी के पास जमीन नहीं है तो भी वह आवेदन कर सकता है। चयन के बाद प्रक्रिया पूरी कराने के समय लीज पर जमीन लेकर दस्तावेज दे सकता है। केरोसिन डीलर्स के अलावा मौजूदा पैट्रोल पंप मालिक भी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया अभी तक इस पर चार वर्षों से रोक लगी थी। दस्तावेज केवल सफ ल आवेदकों के जांचे जाएंगे और लकी ड्रॉ ऑनलाइन होगा। इंडियन ऑयल के एक अधिकारी ने बताया कि यूपी की पेट्रोल-डीजल की मांग को देखें तो क्रमश: हर साल 8 प्रतिशत और 12 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी तरह से अगर मांग बढ़ी तो आने वाले छह साल में यानी 2024 तक बिक्री दोगुनी हो चुकी होगी। इस मांग को पूरा करने केलिए नए पेट्रोल पंप खोले जाएंगे। अरुण कुमार गंजू ने बताया कि अभी सफल आवेदकों के पंप डीलरशिप खोलने का अनुपात 17 प्रतिशत ही है। इस अनुपात में कुल सफल आवेदकों में से 9367 पंप में से करीब 1200 ही खुल पाएंगे। हमारी कोशिश है कि इस अनुपात को 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए। ऐसे में प्रदेश में 2500 से 3000 नए पेट्रोल पंप खुल जाएंगे। इससे मौजूदा 6500 की क्षमता बढ़कर 10 हजार के ऊपर हो जाएगी। आवेदन के लिए फैक्ट फाइल
– 9367 कुल पेट्रोल पंप के लिए आवेदन खुले
– 4654 पंप ग्रामीण इलाकों में खुलेंगे
– 4713 पंप शहरी इलाकों में खुलेंगे
– 3865 पंप इंडियन ऑयल के खुलेंगे
– 3300 पंप भारत पेट्रोलियम के खुलेंगे
– 2202 पंप हिंदुस्तान पेट्रोलियम के खुलेंगे
इंडियन ऑयल के डीजीएम कॉरपोरेट संचार एमके अवस्थी ने बताया कि सरकारी क्षेत्र की तुलना में निजी क्षेत्र अब भी अपनी क्षमता बढ़ाने की तरफ काम कर रहा है। यूपी में अब भी केवल चार प्रतिशत नेटवर्क ही निजी क्षेत्र का है।
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