यूपी के मेरठ में शुक्रवार को गैंगरेप पीड़िता की मां ने बेटी की बरामदगी न होने पर कमरे में पंखे से लटककर फंदा डाल लिया। इस दौरान पड़ोसियों ने उसे फांसी लगाते हुए देख लिया और उसे बेहोशी की हालत में नीचे उतारा। महिला को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला का आरोप है कि उसकी बेटी का चार दिन पहले गैंगरेप के आरोपी ने अपहरण कर लिया था। लिसाड़ीगेट क्षेत्र निवासी महिला की 20 वर्षीय बेटी का मेरठ के ही एक गांव में विवाह हुआ था। महिला का आरोप है कि आठ माह पहले उसकी बेटी मायके आयी हुई थी। उसी दौरान महिला की गैर मौजूदगी में गांव के रहने वाले दूसरे समुदाय के दो सगे भाई वसीम पुत्र सलीम और उसके भाई नसीम ने उनके घर में घुसकर उसकी बेटी को कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ देकर उसके साथ गैंगरेप किया था। महिला की तरफ से लिसाड़ीगेट थाने में दोनों भाईयों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ था। लिसाड़ीगेट पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था। अब आरोपी जमानत पर रिहा चल रहे हैं। महिला का आरोप है कि14 अक्तूबर को आरोपी वसीम ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी बेटी का अपहरण कर लिया था। महिला का आरोप है कि उसने बेटी की बामदगी की मांग को लेकर पुलिस से कई बार गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। शुक्रवार को वह थाने गई थी। वहां से आने के बाद महिला ने घर पहुंचकर फंदा लगाकर पंखे से लटककर फांसी लगा ली। इस दौरान अचानक पड़ोसी पहुंच गये महिला को फंदे से उतारा। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना देते हुए महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां महिला की जान बच गई। लिसाड़ीगेट पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला का कहना है तहरीर के आधार आरोपी वसीम और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इंस्पेक्टर लिसाड़ीगेट रघुराज सिंह का कहना है कि महिला ने फांसी लगाने की कोशिश नहीं की थी। इस मामले में पुलिस गहनता से जांच कर रही है। महिला की हालत ठीक है। पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई की जा रही है। गैंगरेप के मामले में आरोपी जेल चले गये थे। महिला ने बेटी के अपहरण की कोई जानकारी नहीं दी और न ही महिला थाने आयी थी। पूर्व में जब गैंगरेप का मामला सामने आया था था तो मामला दो समुदाय से जुड़ा होने के कारण तनाव बन गया था। फिर से इस मामले में तनाव की स्थिति बन गई है। एक भाजपा नेता ने पुलिस अफसरों से पूरे मामले में आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। गैंगरेप के बाद ससुराल वालों ने भी विवाहिता से पल्ला झाड़ लिया है। सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला का कहना है कि महिला की बेटी पुलिस के संपर्क में है। विवाहिता ने एसएसपी ऑफिस पर सुनवाई कर रहे सीओ संजीव देशवाल को भी एक शिकायती पत्र कुछ दिन पहले दिया था। जिसमें विवाहिता ने आरोप लगाया था कि उसकी मां उसे छह लाख रुपये में बेचना चाहती है। विवाहिता ने अपनी मर्जी से जाने की बात कहते हुए मां से जान का खतरा भी जताया था।
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