बहराइच 07 जून। आपदा पूर्व तैयारियों के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों के सुझाव प्राप्त करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान विधायक बलहा अक्षयवर लाल गोंड ने जिला प्रशासन को सुझाव दिया कि कटान पीड़ितों को स्थायी रूप से विस्थापित करा दिया जाय। श्री गोंड ने यह भी सुझाव दिया कि बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना तैयार कर बाढ़ का स्थायी समाधान किया जाय। उन्होंने जिला प्रशासन से यह भी अपेक्षा की कि बाढ़ के दौरान खाद्यान्न वितरण कार्य में किसी प्रकार की अनियमितता न हो, इसके लिए भी कार्ययोजना तैयार किये जाने का सुझाव दिया।
विधायक बलहा ने सभी जिम्मेदार विभागों से अपेक्षा की कि आपदा का इन्तज़ार न करें बल्कि आपदा से पूर्व ही ठोस और कारगर रणनीति तैयार करें ताकि किसी भी आपातिक स्थिति के दौरान जानी व माली नुकसान की संभावना का न्यून से न्यूनतम किया जा सके। विधायक बलहा सहित बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा नदियों की सिल्ट सफाई के लिए कार्ययोजना तैयार करने की अपेक्षा की गयी। लोगों का मानना है कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटान के कारण पहाड़ों से बह कर आने वाले पानी के साथ मिट्टी भी बह कर आ जाती है। जिस कारण नदियाॅ काफी छिछली हो गयी हैं और थोड़ा से भी जल स्तर बढ़ने पर किनारा तोड़ कर बह निकलती हैं। आपदा पूर्व तैयारियों की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद को बाढ़ से बचाव के लिए तैयारियाॅ पूर्ण कर ली गयीं हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की प्रत्येक ग्राम पंचायतों को दो-दो नाॅवों की व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। बाढ़ की त्वरित सूचना के प्रसारण के लिए आपदा मित्रों का गठन किये जाने के निर्देश तहसीलों को दिये गये हैं। बाढ़ के दौरान राहत सामग्री के वितरण के लिए विभिन्न सामग्रियों के क्रय करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है। साथ ही किसी भी आपदा के समय डीज़ल, पेट्रोल एवं मिट्टी तेल व्यवस्था के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये है। बैठक के दौरान विधायक बलहा ने मिहींपुरवा क्षेत्र व ब्लाक प्रमुख कैसरगंज के प्रतिनिधि प्रदीप कुमार यादव ने कैसरगंज क्षेत्रान्तर्गत संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील स्थलों का चयन आवश्यक कार्यवाही समय पूर्व कराये जाने का सुझाव दिया। जबकि श्रवण कुमार ने स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए स्टीमर की व्यवस्था कराये जाने जबकि अब्दुल सलाम ने नदियों की सिल्ट सफाई कराये जाने का सुझाव दिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर स्थापित होने वाले बाढ़ शरणालयों पर मूलभूत सुविधाओं का बन्दोबस्त कराये जाने के निर्देश सम्बन्धित तहसीलों को दे दिये गये हैं। बाढ़ क्षेत्र के पशुधन की सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 45 शिविर के माध्यम से लगभग 70000 पशुओं का गलाघोटू व पीपीआर का टीका लगाया जा चुका है। इसके साथ ही बाढ़ के दौरान पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए टेण्डर इत्यादि की कार्यवाही की जा रही है।
जिलाधिकारी ने बताया कि बैठक बुलाये जाने के पीछे जिला प्रशासन की मंशा है कि जनप्रतिनिधियों का सुझाव प्राप्त कर जनपद के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाय। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य संचालन के सम्बन्ध में अपने महत्वपूर्ण सुझावों से जिला प्रशासन को अवगत करायें।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सभाराज, अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा, प्रशिक्षु आईएएस प्रभाष कुमार, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, डीएसओ राकेश कुमार, डेªनेज खण्ड के अधि.अभि. शोभित कुशवाहा व अन्य सम्बन्धित अधिकारी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के प्रतिनिधि जय प्रकाश शर्मा सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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