गन्ना किसानों की नाराजगी को कैराना और नूरपुर उपचुनाव में भाजपा की हार का प्रमुख कारण माना जा रहा है. इन किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में आठ हजार करोड़ रुपए गन्ना किसानों के लिए स्वीकृत कर दिए हैं.मेरठ में गन्ना के बकाया मूल्य भुगतान के लिए किसान कई दिनों से भूख हड़ताल कर रहे हैं. इन किसानों ने कहा कि जब तक उनके खातों में पैसा नहीं पहुंचता तब तक वे कैसे मानें कि उन्हें राहत दी गई है. वायदे और आश्वासन बहुत हो चुके हैं.एक अन्य किसान नेता ने बताया कि यूपी जैसे बड़े प्रदेश में आठ हजार करोड़ रुपए की रकम बहुत कम है, कोई ज्यादा नहीं है, जबकि गन्ना किसानों का पेमेंट बहुत बड़ा है. पिछले चार-पांच महीनों से किसानों को पेमेंट नहीं मिला है. बच्चों की पढ़ाई और परिजनों की दवाई का खर्च उठाना किसानों के लिए मुश्किल होता जा रहा है.किसानों की मांग है कि डिजिटल इंडिया के इस युग में पैसा सीधे किसानों के खाते में आना चाहिए जिससे उन्हें भुगतान के लिए मिल मालिकों का मुंह न देखना पड़े. किसानों का कहना है कि कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हार के बाद अब सरकार नींद से जगी है. किसानों ने जल्द ही खातों में पैसा आने की उम्मीद जताई. कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हार के बाद की सियासत पर मेरठ के किसानों से ख़ास बातचीत.
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