बाराबंकी। महिलाओं की अस्मिता खतरे में है, यदि महिला कामकाजी और घर की चारदीवारों को लांघकर अपना अस्तित्व बना रही हो तो उसे समाज आसानी से हजम नही कर पाता…..फिर वह महिला पत्रकार हो तो और खटकती है। ताजा घटना बाराबंकी कोतवाली क्षेत्र की है। विवाहिता, एक बेटी की मां और ऊपर से महिला पत्रकार (सह सम्पादक) के साथ तीन लोगों ने मिलकर सामूहिक बलात्कार किया। यह घटना 12 अप्रैल की है। पीड़ित महिला पत्रकार पुलिस थाने, कोतवाली का चक्कर लगाती रही किंतु उसे न्याय नही मिला। महिला पत्रकार का पति भी एक समाचार चैनल, साप्ताहिक अखबार तथा पत्रिका का संपादक है किंतु इस दम्पत्ति की पुलिस ने नहीं सुनी तो जिले के एक्टिविस्ट रणधीर सिंह सुमन ने जब मामला सोशल साइट पर उजागर किया तो तहसील दिवस पर एसपी बाराबंकी ने आखिरकार प्रार्थना-पत्र को संज्ञान में लेकर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। कोतवाली बाराबंकी के कोतवाल ने संवाददाता को बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सफेदाबाद मजरे खसपरिया थाने कोतवाली नगर बाराबंकी निवासी पीड़ित महिला पत्रकार का आरोप है कि 12 अप्रैल को वह एक निजी कार्य से बाराबंकी आई थी। लौटते समय सफेदाबाद में शाम हो गई। सफेदाबाद से वह अपने गांव जा रही थी। रात के लगभग 8 बजे केवाड़ी गांव के देवी मंदिर के पीछे जंगल है, वहीं पर सुनील गुप्ता निवासी सफेदाबाद मजरें खसपरिया, रामसागर गुप्ता निवासी सफेदाबाद मजरे खसपरिया और एक अज्ञात व्यक्ति ने महिला पत्रकार को अकेली देख कर पकड़ लिया। कट्टा दिखाते हुए कहा कि शोर करोगी तो जान से मार देंगे, महिला पत्रकार बेहद डर गई। सुनील गुप्ता, राम सागर गुप्ता व एक अज्ञात व्यक्ति ने महिला पत्रकार को पकड़कर जंगल में गिरा दिया और इस दौरान सुनील गुप्ता की पत्नी शिमला देवी महिला को पकड़े रही। सुनील गुप्ता, राम सागर गुप्ता व एक अन्य व्यक्ति ने बारी-बारी से महिला पत्रकार के साथ बलात्कार किया। महिला पत्रकार गिड़गिड़ाती रही, परंतु तीनों दरिंदों को दया नहीं आई और उसके गले में पहने जेवर सोने की चेेन तथा 1350 लूटकर भाग गए। स्टिंग ऑपरेशन का खामियाजा : पीड़ित महिला पत्रकार के साथ हुए गैंगरेप जैसे हादसे से पहले उसके पत्रकार पति को बाराबंकी पुलिस जेल की हवा खिला चुकी है। पीड़िता के पति की मने तो जिले के पूर्व एसपी का स्टिंग ऑपरेशन उसके लिए भारी पड़ गया। बाराबंकी के पूर्व पुलिस अधीक्षक के खिलाफ एक पुलिस कांस्टेबल ने एसपी पर 7-8 लाख रुपए लेकर बराबंकी के थानों में पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग कराने का आरोप लगाया था। पीड़िता के पति ने इस स्टिंग को अपने चैनल में 3-4 बार क्या चलाया मानो उस पर विपत्ति का पहाड टूट पड़ा। पत्रकार पति और उसके भाई को जेल की हवा खानी पड़ी। उस पर लूट और अन्य मामलों के आरोप लगे। पति तो इस समय जमानत पर जेल से बाहर है किंतु उसका भाई अभी जेल की हवा खा रहा है। पत्रकार द्वारा एसपी के स्टिंग ऑपरेशन का असर यह हुआ कि एसपी अनिल कुमार सिंह का स्थानांतरण एसपी बाराबंकी के पद से लखनऊ में कम महत्व के पद पर हो गया किंतु पत्रकार दम्पत्ति को अभी भी यह लग रहा है कि उनके साथ हुए हादसों की डोर पुलिस के हाथों में है। इस संवाददाता को पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिस महिला ने सुनील गुप्ता पर बलात्कार का आरोप लगाया वह और कोई नही उनका पड़ोसी है। पड़ोसी से उनका विवाद पुराना है। पड़ोसी ने पत्रकार के खिलाफ पुलिस में मारपीट, लूट का मुकदमा दर्ज कराया था, जिस पर पत्रकार को जेल की हवा खानी पड़ी थी। पत्रकार दम्पत्ति का कहना है कि शिकायतकर्ता को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। यू.पी. जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन(उपजा) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक अग्निहोत्री,प्रदेश महामन्त्री रमेश चन्द जैन ने एक संयुक्त बयान में माँग की है कि महिला पत्रकार के बलात्कारियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाये। “उपजा”पदाघिकारियों ने माँग की है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी शीघ्र ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ बनाकर उसे लागू किया जाये। लोकतन्त्र के सजग प्रहरी पत्रकार को स्वतन्त्र एवं सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने हेतु ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ बनाया जाना बहुत जरुरी है।
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