बहराइच 08 अप्रैल। केन्द्र सरकार की ओर से जनपद के लिए नामित नोडल अधिकारी अपर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, संजीव कुमार आईएएस ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि स्वास्थ, शिक्षा, कृषि एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को केन्द्र बिन्दु में रखते हुए जनपद के समग्र विकास के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए। श्री कुमार ने निर्देश दिया कि जनपद के लिए कार्ययोजना तैयार करते समय कुपोषण तथा एनिमिया के प्रभाव को समाप्त किये जाने के लिए भी रणनीति बनायी जाये। श्री कुमार ने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित देश के 118 पिछड़े जनपदों में बहराइच भी शामिल है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के 08 जनपद ऐसे हैं जिन्हें पिछड़े जनपदों की सूची में स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस बात के लिए दृढ़ संकल्पित है कि विकसित और पिछड़े जनपदों के बीच की खाई को वर्ष 2022 तक समाप्त कर दिया जाये। श्री कुमार ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ, कृषि, इन्फ्रास्ट्रक्चर इत्यादि के क्षेत्र में तेज़ी के साथ विकास करके ही जनपद को अग्रणी जनपदों की श्रेणी में लाया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों का आहवान्ह किया कि जनपद के सभी आनगोईंग प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर उन्हें आमजन के लिए सुलभ करा दें। जन स्वास्थ्य से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय का उच्चीकरण तथा ट्रामासेन्टर के निर्माण कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा करते रहने का निर्देश दिया। नोडल अधिकारी ने कहा कि जनपद में भूमिहीन लोगों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने ऐसे लोगों को पीडीएस योजना से आच्छादित कराये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सभी पात्र लोगों को राशन कार्ड का वितरण कराया जाय। उन्होंने भूमिहीनों के लिए सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार किये जाने का भी निर्देश दिया। श्री कुमार ने सभी अधिकारियों को सुझाव दिया कि विभागीय भवन सम्पत्तियों का एक रजिस्टर बनायें। जिससे सरकारी सम्पत्तियों के अनुरक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों का आहवान्ह किया कि उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग करते हुए बेहतर कार्य करें ताकि निर्धारित लक्ष्य को समय से प्राप्त कर लिया जाय। बैठक के दौरान नोडल अधिकारी ने पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम की प्रगति, जनपद में आशा व एएनएम के स्वीकृत पदों, उसके सापेक्ष उपलब्धता तथा क्रियाशीलता, पैरा मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था, आॅगनबाड़ी कार्यकत्रियों की उपलब्धता, स्कूल चलो अभियान, नामांकन इत्यादि के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस दौरान यह भी सुझाव प्राप्त हुआ कि जनपद के पूर्व माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों का एकीकरण कर दिये जाने से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने अवगत कराया कि माध्यमिक शिक्षा अन्तर्गत जनपद में शिक्षकों की काफी कमी है तथा राजकीय विद्यालयों में संसाधनों का भी अभाव है। उन्होंने इस व्यवस्था में सुधार लाये जाने के लिए नीति आयोग के माध्यम से धनराशि की व्यवस्था कराये जाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने नोडल अधिकारी को आश्वस्त किया कि बैठक में प्राप्त हुए दिशा निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी अधिकारियों का प्रयास होगा कि वह एक टीम भावना के साथ कार्य कर जनपद को पिछड़े जनपद की सूची से बाहर लाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी राम चन्द्र, नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी ओ.पी. आर्य, परियोजना निदेशक डीआरडीए अभिमन्यु सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह, डब्लूएचओ के सलाहकार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






