( संजय आजाद की कलम से आपबीती )
आपके खिलाफ कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है???
उ०प्र० राज्य सूचना आयोग और नगर निगम लखनऊ का गठजोड़ तो देखें सूचनायें दिलवाई नहीं और निस्तारण आदेश हो गये !!!
जन सूचना अधिकारी अपने विभाग के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बचाने के वास्ते RTI ACT की धज्जियां उड़ाते हुए वकील नियुक्त करने के बाद भी लिख रहे हैं उनके पास समय नहीं???
ये लीजिये लिखते-लिखते डाकिया बाबू उ०प्र०राज्य सूचना आयोग, लखनऊ के तानाशाह आयुक्त और नगर निगम लखनऊ के जन सूचना अधिकारी के वकील के बीच विभागीय भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के बीच मजबूत गठजोड़ का तयशुदा इकरारनामा थमा कर चले गये!!!तानाशाह आयुक्त के द्वारा पारित आदेशों पर आप भी नजरें इनायत करें जिसमें तानाशाह आयुक्त के कुकृत्यों का विरोध करने पर ये महाशय आवेदक को दुराशय से प्रेरित होकर किस प्रकार से”अशोभनीय व्यवहार करने जैसी”ओछी टिप्पणी अंकित कर रहे हैं। बताते चलें कि मुलायम सिंह यादव के समधी साहब जब पत्रकारिता जगत में थे तब ऐसे नहीं थे
हो सकता है उस वक्त शायद समधी नहीं बने थे!!!अरे! क्या मैंने कोई गुस्ताख़ी कर दी???
चलो कर दी तो कर दी…….
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