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Saturday, May 10, 2025 1:46:00 PM

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विधायक बीएसपी का है फिर भी CM योगी ने क्यूँ दिया गिफ्ट

विधायक बीएसपी का है फिर भी CM योगी ने क्यूँ दिया गिफ्ट

उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्नाव के पुरवा से बागी बीएसपी विधायक अनिल सिंह ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने का इनाम योगी सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा देकर दिया है. बीएसपी का सियासी समीकरण बिगाड़ने वाले अनिल सिंह ने शनिवार को सीएम योगी से मुलाकात करके अपनी जान को खतरा बताया था. इसी के बाद गृह विभाग ने बीएसपी विधायक को वाई श्रेणी सुरक्षा देने का आदेश जारी कर दिया. इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने बागी विधायक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया था.गौरतलब है कि पहली वरीयता में बीजेपी के आठ विजयी उम्मीदवारों को 39-39 वोट मिले. सपा की जया बच्चन को 38 वोट मिले. पहली वरीयता की गिनती में दसवीं सीट के लिए बसपा के भीमराव अंबेडकर को 33 वोट मिले और बीजेपी के अनिल अग्रवाल को 22 वोट मिले.चुनाव से पहले बसपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित नजर आ रही थी. उन्हें बीएसपी के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7, राजा भैया 1, आरएलडी 1 और निर्दलीय विनोद सरोज 1 समेत कुल 39 विधायकों का समर्थन हासिल नजर आ रहा था. लेकिन बसपा के मुख्तार अंसारी को जेल से वोट डालने की इजाजत नहीं मिली. इसके बाद बीएसपी विधायक अनिल सिंह वोटिंग से एक दिन पहले बीजेपी विधायकों की बैठक में पहुंच गए और उन्होंने खुलेआम बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. यानी सपा के नितिन अग्रवाल और बीएसपी के अनिल सिंह ने क्रॉस वोटिंग की.इससे पहले सपा और बसपा ने बागी विधायक नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह के वोट को रद्द करने की चुनाव अयोग से अपील की. दोनों विधायकों के वोट को सपा और बसपा रद्द कराना चाहती हैं. पार्टी का कहना था कि नितिन अग्रवाल और अनिल सिंह ने किसे वोट किया है उसके बारे में पार्टी एजेंट को जानकारी नहीं दी है. इसलिए इनके वोट को रद्द किया जाए. दोनों पार्टियों की आपत्ति की वजह से मतगणना भी कुछ देर के लिए रोक दी गई थी. लेकिन चुनाव आयोग ने दोनों के वोटों को वैध घोषित कर दिया.

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