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Wednesday, April 23, 2025 12:38:39 AM

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आजमगढ़ में वित्तविहीन शिक्षकों के हितों के लिए धरना देने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखें जाने की निंदा 

आजमगढ़ में वित्तविहीन शिक्षकों के हितों के लिए धरना देने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखें जाने की निंदा 
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार मुनीर आलम(राजन) की रिपोर्ट

महाराजगंज। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों के हितों के लिए शिक्षक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष/लखनऊ के पूर्व शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी, महासचिव अजय सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में विगत दिनों आजमगढ़ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना देने के मामले को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ द्वारा जिला अध्यक्ष आजमगढ़ सुधीर श्रीवास्तव, महामंत्री व 40 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा लिखाये जाने से प्रदेश के लाखों वित्तविहीन शिक्षकों में आक्रोश ब्याप्त हैं. ये जानकारी महासभा के प्रदेश महासचिव आफताब आलम खां ने दी है.
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय लगातार बंद चल रहे है. ऐसे में राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को प्रति माह वेतन मिल जा रहा है. माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालयों के आय का मुख्य स्रोत शुल्क ही है. उसी से प्रबंधक इन विद्यालयों के शिक्षकों को वेतन देते है. लगातार विद्यालय बंद होने से वित्त विहीन विद्यालयों के प्रबंधक वेतन नहीं दें पर रहे है. ऐसे में प्रदेश के लाखों शिक्षकों का परिवार भुखमरी के कगार पर हों गया है.
संगठन के पदाधिकारियों ने लगातार माननीय मुख़्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री से इन शिक्षकों को जब तक विद्यालय नहीं खुलता है तब तक आपदा राहत कोष से 15हजार रूपये अहेतुक सहायता दिए जाने की मांग करता रहा लेकिन सरकार द्वारा कोई सुधि न लिए जाने के कारण प्रदेश नेतृत्व ने एक प्रदेश ब्यापी आंदोलन चलाकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर तिथिवार कार्यक्रम घोषित कर पूर्व में नोटिस देंकर जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित ज्ञापन दिया जा रहा था. इसी क्रम में विगत दिनों आजमगढ़ में धरना देकर माननीय मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया था. अगर प्रशासन को कोई दिक्कत थी तो पहले से दी गयी नोटिस का जवाब देकर संगठन को अवगत करा देता की धरने की अनुमति नहीं दी जा सकती. लेकिन धरने के बाद जिलाध्यक्ष आजमगढ़, महामंत्री व 40 अन्य शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा लिखवाया जाना लोकतंत्र का हनन है और भारतीय संविधान में अभिब्यक्ति की स्वतंत्रता के विपरीत खिलाफ है. जिला विद्यालय निरीक्षक आजमगढ़ की उक्त कार्यवाही से प्रदेश के लाखों शिक्षकों में आक्रोश ब्याप्त है. ये आक्रोश कभी भी एक साथ पूरे प्रदेश में फूट सकता है.
उन्होंने मांग किया है की सरकार जल्द से जल्द शिक्षकहित में तत्काल आपदा राहत कोष से अहेतुक सहायता प्रदान करे और आजमगढ़ में दर्ज मुकदमे को वापस ले.

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