छतरपुर से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार मनोज कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
छतरपुर/ राजनगर आईएएस स्वप्निल वानखेडे की की पहल और डॉक्टरों के शोध ने निर्मित की संजीवनी वेन
खजुराहो में ना सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि उत्तर भारत के लिए पहली संजीवनी बैन को तैयार कर कोरोनावायरस के लक्षणों के जांच हेतु निर्मित की गई है। जिसका आज विधिवत शुभारंभ किया गया l
राजनगर अनुविभागीय अधिकारी आईएएस श्री स्वप्निल बनखेड़े के निर्देशन में एवं पहल के चलते डॉक्टरों के शोध से एक ऐसी संजीवनी बैन का निर्माण किया गया है जो गाड़ी के अंदर बैठे बैठे ही बाहर से टेंपरेचर पैरामीटर के माध्यम से जांच करके बकायदा अंदर बैठे डॉक्टरों के द्वारा एक विशेष ऐप के माध्यम से पेपरलेस स्क्रीनिंग करा कर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा, इस तरह की यह संजीवनी बैन ना सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि संपूर्ण उत्तर भारत में एक तरह से पहली संजीवनी बैंन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खजुराहो में प्रारंभ किया गया है।
अनुविभागीय अधिकारी आईएएस स्वप्निल बनखेड़े ने बताया कि इस संजीवनी बैंन का उपयोग संक्रमित क्षेत्रों में किया जाएगा, और अगर यह कारगर सिद्ध होती है तो इस तरह के प्रयोग प्रदेश में और जगह भी संचालित हो इस हेतु कलेक्टर महोदय के माध्यम से मांग पत्र के माध्यम से, इस प्रक्रिया की सफलता को वर्णित करते हुए अन्य जगहों में भी संचालित की जाए ऐसी इन्होंने अपनी आशा व्यक्त की।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर पंकज रस्तोगी ने बताया कि इस तरह की संजीवनी बैन का प्रयोग बहुत पहले केरला में किया गया था, उसके बाद हमने अपने तरीके से प्रयोग करते हुए स्थानीय स्वयं के संसाधनों का उपयोग करते हुए यह एक सफल प्रयोग किया है, जो निश्चित रूप से स्थानीय एवं क्षेत्रीय जनों के लिए हितकर साबित होगी।
वही डॉ विनीत शर्मा ने बताया कि क्योंकि यह संजीवनी बैन पूर्णता होममेड स्वयं के संसाधनों से निर्मित यह एक वातानुकूलित बैन है एवं सुरक्षित है, क्योंकि ऐसी गर्मियों में पी. पी किट पहनना संभव नहीं होता, उन स्थितियों में डॉक्टर अंदर बैठकर वातानुकूलित कक्ष से मरीज का सोशल डिस्टेंस के साथ सही तरीके से स्वास्थ्य परीक्षण कर सकेगा, एवं कई बार डॉक्टरों पर जब हमले जैसी घटनाएं घटित होती हैं तो उस सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इस तरह की बैन हमारे लिए कारगर है, आपने बताया कि हम सभी ने एसडीएम सर के निर्देशन में उक्त यह संजीवनी बैन को तैयार कर लोगों की सेवा में समर्पित किया है, जो एक तरह से ना सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक अतुलनीय उदाहरण भी प्रस्तुत होगा। पर्यटन नगरी खजुराहो में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिकोण से स्थानीय प्रशासन के द्वारा किए जा रहे प्रयासों में इसके पूर्व सैंपल परीक्षण केंद्र का निर्माण, एवं 1 हफ्ते के अंदर एक बहुत ही कारगर संजीवनी वैन का संचालन निश्चित रूप से सार्थक प्रयासों की ओर बढ़ता कदम कहा जा सकता है।
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