महराजगंज। जनपद महराजगंज में तीन चार दिनों से ठंडक ने अपना पांव तेजी से पसारा। जिले से सटा पडोसी देश नेपाल की पहाड़ी हिमालय की बर्फीली चोटियो से हिमस्खलन होने पर ठंड में इजाफा हो जाता है। बढ़ती ठंड के कारण छुट्टा पशु ठंड से ठिठुरने लगे है। इन छुट्टा बेसहारा पशु भी ठंड के शिकार हो रहे हैं। सरकार द्वारा गौशाला का निर्माण कराया गया है परंतु इन्हें वहां तक पहुंचाने में जिम्मेदार मौन बैठे हैं। गोवंशीय पशुओं को ठंड से बचाव के इंतजाम नाकाफी दिख रहे है। गौशाले की जगह सड़क पर छुट्टा पशु खुलेआम दिख रहे है। बल्कि इनकीं सुरक्षित स्थान को ले जाने के लिए शासन आँखे फेर रहे है।
सड़क पर घूम रहे बेसहारा पशुओं के लिए मधवलिया में गो-आश्रय स्थल का निर्माण कराने के वावजूद भी छुट्टा पशु को गौशाले की राह से दूर क्यों है। बेसहारा पशु ठंड के बीच सड़क पर ठिठुर ने लगे है। इनकीं उचित व्यवस्था के लिए हर राहे फेल होते जा रहे है न ही बेसहारा पशु के लिए निजात के लिए सोची गई। जिधर भी सडको पर नजर पडती है भीड वाली जगहो पर भरे बाजार में छुट्टा पशु खुलेआम ठंड में घूम रहे हैं। राहगीर बाईक सवार ट्रक चालक भी बचाव करते हुए आगे बढते है। जिसके कारण दिन में चल रही सरसराती पछुआ हवा और रात मे ठिठुरन की मार झेलने को गोवंशीय पशु विवश हैं। कोहरे की मार ,कहि छुट्टा पशु हो न जाए दुर्घटना के शिकार। शाम ढलते ही सड़क पर कोहरे की मार बहुत तेजी से दिखने को मिल रही है। राहे कोहरे की चादर में लिपटने के लिए तैयार है। कोहरे से इसका असर बेसहारा पशुओं पर पडता है दुर्घटना का शिकार हो सकते है।
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