बहराइच यूपी : अन्धविश्वास और परम्परा की हद तब पार हो गई, जब मां-बाप ने अपने नवजातों के बाएं हाथ की छोटी उंगली खौलते तेल में डालकर जला दी। नवजात को जमोगा बीमारी से बचाने के लिए यह काम माता-पिता ने ही किया है। जली उंगली में संक्रमण फैलने के कारण शिशु को दिमागी बुखार हो गया। धनुष की तरह ऐंठे नवजात को आशा संगिनी रेनू ने मेडिकल कालेज के एसएनसीयू में भर्ती कराया है। जहां उसका आयुष्मान भारत के तहत इलाज किया जा रहा है।
हुज़ूरपुर ब्लॉक के ग्राम बेहदा देवकरनपुरवा निवासी गुड्डी के बच्चे का जन्म तीन जनवरी को घर पर हुआ। शिशु के दूध न पीने और न रोने की वजह से परिवार के लोगों ने उसमें जमोगा बीमारी घोषित कर दिया। गुड्डी के पति बुधराम ने बताया स्थानीय परम्परा के अनुसार शिशु की छोटी उंगली खौलते तेल में डालने से जो भी लाग बाधा या जमोगा (बीमारी का स्थानीय नाम) है, ठीक हो जाता है। इसी अन्धविश्वास के कारण नवजात की उंगली भी खौलते तेल में डालकर जला दी गई।
मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.असद अली ने बताया कि उंगली में हुए संक्रमण की वजह से शिशु को दिमागी बुखार हो गयाहै। उंगली में संक्रमण इतना अधिक है कि संभवत: उंगली काटनी पड़ जाय। उन्होंने बताया कि 18 जनवरी को आशा संगिनी रेनू जब नवजात को लेकर आई थी, तब उसका शरीर धनुष की तरह टेंढ़ा था। उसकी गर्दन में अकड़न थी। प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने पर लाखों रुपए खर्च आता है। उन्होंने बताया कि यह एक अन्धविश्वास और गलत परम्परा है। उंगली जलाने से संक्रमण फैलता है। संक्रमण अधिक होने पर शिशु की मौत भी हो सकती है।
तेजवापुर ब्लाक के रायपुरा कोठार निवासी मीना पत्नी दिनेश के बच्चे का जन्म 18 जनवरी को मरौचा अस्पताल में हुआ। नवजात के न रोने और दूध न पीने की वजह से उसकी छोटी उंगली खौलते तेल में जला दी गई। संक्रमण की वजह से नवजात दूध नहीं पी रहा है। गंभीर हालत में उसे 23 जनवरी को एसएनसीयू में भर्ती किया गया है। जहां उसका इलाज आयुष्मान भारत के तहत किया जा रहा है। मीना की सास राजरानी ने बताया कि मीना के पहले बच्चे की उंगली भी इसी तरह जलाई गई थी और वह ठीक हो गया था। इस समय वह 4 वर्ष का है। इनके गांव में 4 बच्चों की उंगली इसी तरह जलाई गई है। उन्होंने बताया खौलते तेल में छोटी उंगली डालने से बयार, भूत-प्रेत की बाधा सब भाग जाते हैं। अब मीना रो रही है और अपने घर वालों को कोस रही है। मीना की सास भी पश्चाताप कर रहीं हैं कि उन्होंने नवजात के साथ बहुत गलत किया। जिला स्वास्थ्य सूचना अधिकारी रवीन्द्र त्यागी ने बताया कि नवजात शिशु को 1 घंटे के अन्दर मां का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलाएं, जिससे शिशु में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि हो सके।
नवजात शिशुओं का स्तनपान न करना संक्रमण का एक लक्षण है। ऐसे शिशुओं को फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए ले जाना चाहिए। अभिभावक किसी के बहकावे में न आएं। जमोगा नाम की कोई बीमारी नहीं होती है। गर्म तेल में उंगली डालने से उंगली से सड़न पैदा हो सकती है, जिससे संक्रमण पूरे शरीर में फैल सकता है।
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