महराजगंज। जनपद महराजगंज कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम सभा जददु पिपरा मे वीडियो बनाने को लेकर एक पत्रकार के साथ कोटेदार द्वारा दबंगई के साथ मारपीट का मामला प्रकाश में आया है। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार महराजगंज जनपद के कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम सभा जददु पिपरा में दिनांक 14 दिसम्बर को कोटे की राशन बट रही थी ग्रामीणों का आरोप था कि कोटेदार यूनिट के अनुसार कम राशन दे रहा है इस समस्या को लेकर ग्रामीण कोटेदार के घर शोर कर रहें थे तभी उस रास्ते से गुजर रहे आर.पी.पी न्यूज़ ऐजेंसी के पत्रकार वशिष्ठ गुप्ता समाचार संलग्न करने हेतु जनता से वीडियो ग्राफिक्स के माध्यम से समस्या को मोबाईल में रिकॉर्ड करने लगे इसको देख कोटेदार भड़क गया और रिपोर्टर को थप्पड़ मार विडियो डिलिट करने के लिए दबाव बनाने लगा अशब्द का इस्तेमाल करते हुये झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी देने लगा तथा पुलिस को बुला कर झूठा आरोप लगाने लगा पुलिस दोनों को चौंकी सिसवा मुन्सी आने के लिए बोली रिपोर्टर के चौंकी पर जाते वक्त कोटेदार के लड़का और उसके दबंग दोस्तो ने रास्ते मे घेर कर रिपोर्टर की पिटाई कर दी। रिपोर्टर वशिष्ठ गुप्ता काफी डरा हुआ है और अपनी जान बचाने हेतु कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर न्याय की मांग की है पर पुलिस प्रशासन अपने हरकतों से बाज नही आ रही है एफआईआर दर्ज करने के वजाय रिपोर्टर को ही धमकाने में लग गई और उसके अधिकारों की बात करने लगी,तहरीर देने पर भी एफआईआर दर्ज नही की और न ही मेडिकल कराया गया।
पहले तो ग्रामीणों को यूनिट से कम राशन देता है और दूसरी तरफ जनता के समस्याओं को जानने पहुँचे एक न्यूज़ ऐजेंसी के सहायक पत्रकार को वीडियो बनाते वक्त थप्पड़ मार देता है और पूरे मामले राजनैतिक हाथ होने के कारण पुलिस मामले को अनदेखा कर लीपा पोती में जुट जाती है। और पत्रकार के अधिकारों की बात करने लगती है,पूरे मामले में पीड़ित न्यूज़ ऐजेंसी के पत्रकार को ही धमकाया जा रहा है, पुलिस के मजूदगी के बाद पत्रकार के पुलिस चौंकी जाते वक़्त कोटेदार के लड़के के द्वारा रास्ते मे घेर कर दुबारा हमला करना पुलिस के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।
आखिर सवाल ये उठता है कि आखिर महराजगंज पुलिस किस के इशारों पर कार्य कर रही है। जब पत्रकार ही सुरक्षित नही रहेंगे तो कैसे इन घूसखोरों,सुदखोरों, भ्रष्टाचारियों, दबंगों से समाज का रक्षा होगा।
पत्रकारों पर हो रहे हमले को लेकर प्रशासन भी काफी सुस्त दिखाई देती है पुलिस विभाग के बड़े अफसरों द्वारा पत्रकार सुरक्षा को लेकर लेटर भी जारी किया जाता है परन्तु पत्रकारों को सुरक्षा नही मिल पाता है ये देश के चौथे स्तंभ के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
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