महराजगंज। महराजगंज जिले के फरेन्दा थाना क्षेत्र में हुई महिला जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि जितेन्द्र यादव की दो दिन पहले गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। 48 घंटे बीत चुके हैं लेकिन गलत एफआईआर लिखे जाने से नाराज परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं। घंटों सडक पर शव को रखकर पुलिस प्रशासन को गैर जिम्मेदार बताते हुए ग्रामीणों ने रास्ता जाम करके हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते रहे। जिला पंचायत सदस्य के बेटे का अंतिम संस्कार तब,जब सत्ताधारी दल के विधायक पर दर्ज होगा केस जिला पंचायत के सदस्य के बेटे जितेंद्र के घर वाले पुलिस पर गंभीर आरोप मढ़ रहे थे। परिजनों के मुताबिक दबाव बनाकर जाम समाप्त कराया गया। मृतक की पत्नी बबीता और उसकी मां अमरावती देवी ने कहा कि जब तक सत्ताधारी दल के विधायक पर केस दर्ज नहीं होगा, शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार परिजनों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस सत्ता पक्ष के दबाव में हम सभी का उत्पीड़न करने में लगी है। परिजनों के आक्रोश को देखते हुए गांव हरैया बरदगवां में पुलिस का पहरा है। इससे पहले पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के हरैया बरदगवां के जितेंद्र की हत्या के बाद शव को पोस्टमार्टम जिला अस्पताल परिसर में मंगलवार को हुआ। इस पुलिस अस्पताल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। जैसे ही करीब 4.30 बजे के बाद शव लेकर परिजन घर की ओर रवाना हुए तो त्रिमुहानी घाट पर फरेंदा रोड को जाम कर दिया। इसके बाद तो पुलिस को पसीना आने लगा।
समझाते समझाते थक चुकी पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद मृतक के परिजनों को कार्रवाई का भरोसा दिया गया तब जाकर जाम समाप्त हुआ। शाम 5 बजे से लगा जाम करीब 6.10 बजे समाप्त हुआ। परिजन शव को लेकर गांव की ओर रवाना हुए। चेतावनी दिए कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर आन्दोलन होगा। घंटो चले हंगामे के बीच एसपी के न पहुचने पर
मृतक के भाई ने पुलिसिया कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल, कहा क्यों बदली गयी पहली तहरीर। दो महीने पहले जब गोली मारी तब क्यों नहीं भाई की सुरक्षा सुनिश्चित की पुलिस के बड़े अफसरों ने। काफी हंगामे के 50 घंटे बाद मृतक जितेंद्र यादव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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